बिहार में आश्रय गृह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आते हैं. पटना के पटेल नगर स्थित आश्रय गृह में तीन लड़कियों की मौत और कई की तबीयत बिगड़ने के बाद राज्य सरकार ने शेल्टर होम की निरीक्षिका को निलंबित किया है, साथ ही वहां कार्यरत अन्य कर्मियों को भी हटा दिया गया है.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुज़फ़्फ़रपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी.
टीआईएसएस की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर बिहार में आश्रय गृहों पर मामले दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में इन आश्रय गृहों के कुप्रबंधन और वहां रहने वाली महिलाओं के उत्पीड़न की बात सामने आई थी.
सीबीआई ने 73 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है जिसमें बताया गया है कि कैसे बालिका गृह के मालिक ब्रजेश ठाकुर ने लड़कियों को खुले कपड़े पहनने, भोजपुरी गानों पर नाचने, नशा करने और मेहमानों द्वारा बलात्कार करने के लिए मजबूर किया.
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के आश्रय गृह में बच्चियों के यौन शोषण की घटनाओं से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मौजूदा व्यवस्था पर्याप्त होती, तो मुज़फ़्फ़रपुर में जो भी हुआ, वह नहीं होता.
बिहार के समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की उस सोशल ऑडिट रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है जिसने मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन शोषण का खुलासा किया था.
केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से शीर्ष अदालत ने पूछा कि देश के विभिन्न आश्रय गृहों में रह रहे 1575 लड़के-लड़कियां यौन और शारीरिक उत्पीड़न के शिकार हैं. आपने इस बारे में क्या किया?