गुजरात हाईकोर्ट ने बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले के दोषी रमेश चांदना को भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए पैरोल दे दी. इससे पहले एक अन्य दोषी प्रदीप मोढिया को हाईकोर्ट द्वारा 7 से 11 फरवरी तक पैरोल पर गोधरा जेल से रिहा किया गया था.
बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के लोगों की हत्या के दोषियों में से एक प्रदीप मोढिया को ससुर की मृत्यु के बाद गुजरात हाईकोर्ट द्वारा बीते 7 फरवरी को पैरोल दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोढिया और 10 अन्य आजीवन कारावास के दोषियों ने 21 जनवरी की रात गोधरा उप-जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 8 जनवरी को बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की समय-पूर्व रिहाई का ख़ारिज करते हुए कहा था कि गुजरात सरकार के पास उन्हें समय से पहले रिहा करने की शक्ति नहीं है. रिहाई का आदेश रद्द करते हुए अदालत ने दोषियों को दो हफ़्ते के अंदर वापस जेल में सरेंडर करने को कहा था.
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानो को मुआवज़ा और अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया था. बिलकिस ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि अब तक राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया है.
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बिलकिस बानो के साथ मार्च 2002 में सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस समय वह गर्भवती थीं. उन्होंने गुजरात दंगे में अपने परिवार के सात सदस्यों को खोया था.