मोहन भागवत ने अपने हालिया प्रवचन में कहा कि चुनाव में क्या होता है इसमें आरएसएस के लोग नहीं पड़ते पर प्रचार के दौरान वे लोगों का मत-परिष्कार करते हैं. तो इस बार जब उनके पूर्व प्रचारक नरेंद्र मोदी और भाजपा घृणा का परनाला बहा रहे थे तो संघ किस क़िस्म का परिष्कार कर रहा था?
साक्षात्कार: अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण रही है, जहां से इस बार पार्टी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ख़िलाफ़ स्थानीय नेता किशोरी लाल शर्मा को अप्रत्याशित उम्मीदवार के तौर पर उतारा था. शर्मा कहते हैं कि चुनाव जनता ने लड़ा था और जीत पार्टी की नहीं जनता की हुई है.
वीडियो: केंद्र में तीसरी बार नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार के सहयोगी दलों के साथ समीकरण और जम्मू कश्मीर में बढ़े आतंकी हमलों को लेकर द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
गुजरात के गोंडल में दलित समुदाय समेत सैकड़ों नागरिकों ने कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के पदाधिकारी संजय सोलंकी पर कथित जाति-आधारित हमले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. आरोप है कि कि सोलंकी को अगवा कर बदसलूकी की गई और घटनास्थल पर भाजपा विधायक गीताबा जडेजा के बेटे ज्योतिरादित्य सिंह की मौजूदगी में उन्हें बंदूक दिखाकर धमकाया गया.
वीडियो: बिहार के पूर्णिया से नवनिर्वाचित सांसद पप्पू यादव का कहना है कि निर्दलीय चुनाव लड़ने के बावजूद वे ख़ुद को कांग्रेसी ही मानते हैं और उनका समर्थन कांग्रेस को है. उनसे बातचीत.
यदि जाति का ब्योरा जुटाने से देश की एकता और अखंडता को कोई ख़तरा है तो भाजपा ने यह ब्योरा क्यों इकट्ठा किया? चूंकि मोदी सरकार ने 20वीं पशुगणना के तहत गाय, भैंस आदि की संख्या को सार्वजनिक कर दिया लेकिन जातियों के आंकड़े को सार्वजनिक नहीं किया.
सामाजिक अन्याय झेलते आ रहे कई वंचित तबके सपा-कांग्रेस एकता की बिना पर आए लोकसभा चुनाव के नतीजों को ‘मंडल-2’ की संज्ञा दे रहे और भविष्य को लेकर बहुत आशावान हैं. हालांकि, इस एकता की संभावनाओं और सीमाओं की गंभीर व वस्तुनिष्ठ पड़ताल की ज़रूरत है.
हाल ही में हुए ओडिशा विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल की हार के बाद आलोचना का सामना कर रहे पूर्व नौकरशाह और नवीन पटनायक के करीबी वीके पांडियन ने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी की हार के लिए माफ़ी मांगते हुए कहा कि वे राजनीति छोड़ रहे हैं.
बिहार में 'इंडिया' गठबंधन के साथ मिलकर सीपीआई (माले) ने तीन सीट पर चुनाव लड़ा था- आरा, काराकाट और नालंदा. पार्टी इनमें से दो सीट जीतने में कामयाब रही.
भाजपा को दिल्ली के ग्रामीण इलाकों, अनधिकृत कॉलोनियों और अल्पसंख्यकों की प्रधानता वाले निर्वाचन क्षेत्रों में काफी मतों का नुकसान हुआ है और पार्टी के वोट शेयर में 2.3 प्रतिशत की गिरावट आई है. मटियाला और पालम जैसे बड़ी ग्रामीण आबादी वाले विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को करीब एक लाख वोटों का नुकसान हुआ है.
मध्य प्रदेश में भाजपा ने कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा सहित राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस के वोट शेयर में 2019 की तुलना में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई, लेकिन इसके किसी भी उम्मीदवार की ज़मानत ज़ब्त नहीं हुई.
हिंदी पट्टी में भाजपा ने 51 सीटें गंवा दी हैं, जिनमें से 22 सीटें सवर्ण सांसदों के पास और केवल सात सीटें ओबीसी सांसदों के पास थीं.
2014 और 2019 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने के लिए क्षेत्रीय दलों की ज़रूरत नहीं थी. लेकिन इस बार है. ऐसे में भाजपा नहीं चाहेगी कि गठबंधन के प्रमुख घटक दलों, ख़ासकर तेदेपा और जदयू में से कोई नाराज़ हो.
लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के करीब एक चौथाई उम्मीदवार दूसरे दलों से आयात किए हुए थे. भाजपा की इस रणनीति से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई कार्यकर्ता नाराज़ थे.
राजधानियों में बैठे विश्लेषकों और वाचाल एंकरों के लिए गांव की भाषा व राजनीतिक मुहावरे पहले भी अबूझ रहे हैं और इस बार भी अबूझ रहे. वे न इन आवाजों को सुन पाए, न समझ पाए.