बीते दिनों आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल राज्य के मुख्यमंत्री बनने के लिए पंजाब में अलगाववादी तत्वों से ‘समर्थन लेने के लिए तैयार’ हैं. केजरीवाल ने इस आरोप का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस जनादेश से जनता ने साफ़ कर दिया है कि केजरीवाल ‘आतंकवादी’ नहीं, बल्कि देश का सच्चा सपूत और देशभक्त है.
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और उनके उत्तराखंड के समकक्ष पुष्कर सिंह धामी अपनी-अपनी सीट से हार गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्रियों में पंजाब में तीन- प्रकाश सिंह बादल, अमरिंदर सिंह व राजिंदर कौल भट्टल, उत्तराखंड में हरीश सिंह रावत और गोवा में चर्चिल अलेमाओ को हार का सामना करना पड़ा है.
पांच में से चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित होने के बाद भाजपा मुख्यालय पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले किसी मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का यह पहला उदाहरण है.
उत्तराखंड में 20 सीटों पर जीत और 20 अन्य पर बढ़त के साथ भारतीय जनता पार्टी राज्य में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने के लिए तैयार है. वहीं उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने हार स्वीकारते हुए कहा कि उनके लिए यह नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं.
गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 20 सीटों पर जीत दर्ज की. कांग्रेस ने 10 सीटें जीती जबकि वह एक सीट पर आगे चल रही है. आम आदमी पार्टी को दो, गोवा फॉरवर्ड पार्टी को एक, महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी को दो, रिवोल्यूशनरी गोअन्स पार्टी को एक और निर्दलीयों ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 21 है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और गोवा में भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने 20 सीटें जीती हैं. एमजीपी ने भी उन्हें समर्थन पत्र दिया है. तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन उनके पास है. ऐसी संभावना है कि और भी उम्मीदवार उनके साथ जुड़ेंगे.
भाजपा के आतानासियो मोनसेरेट ने पणजी सीट से मनोहर पर्रिकर के बेटे और निर्दलीय उम्मीदवार उत्पल पर्रिकर को 674 वोटों से हराया है. मोनसेरेट साल 2019 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. जीत के बाद उन्होंने कहा कि 'यह पार्टी की जीत नहीं है, मेरी जीत है. पार्टी मेरे साथ नहीं खड़ी थी.'
मतगणना की पूर्व संध्या पर निर्वाचन आयोग ने वाराणसी में ईवीएम से संबंधित नोडल अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को हटाने की घोषणा की. यह क़दम समाजवादी पार्टी के इस आरोप से उठे विवाद के बाद उठाया गया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन अनधिकृत तरीके से स्थानांतरित की जा रही थीं.
मणिपुर के विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और चौदह पर आगे चल रही है. रुझानों से साफ हो गया है कि भाजाप बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है. हेनगांग से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती.
एग्जिट पोल्स के रूप में प्रचारित व प्रसारित की जा रहे कयासों की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि उनमें से कोई भी अपनी प्रविधि की वैज्ञानिकता व वस्तुनिष्ठता को लेकर इतना आश्वस्त नहीं करते कि उन्हें अटकलों से अधिक कुछ माना जाए.
गुजरात कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के प्रति नरम रुख़ के आरोप पर मंत्री पूर्णेश मोदी ने विधानसभा में कहा कि आरएसएस देशभक्त बनाता है. बार-बार गोडसे और आरएसएस का नाम लिया जा रहा है. संघ या भाजपा ने कभी इस बारे में बात नहीं की, हमारा उनसे कोई संबंध नहीं है.
उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव भाजपा के व्यवसायिक हिंदू राष्ट्रवाद के मॉडल से आकर्षित लोगों और इस मॉडल से बाहर किए जा चुके लोगों के बीच की लड़ाई बन गया है.
आरोप है कि बिना प्रत्याशी के संज्ञान में लाए कथित तौर पर ईवीएम कहीं ले जाई जा रही थीं. सपा का कहना है कि यह सब भाजपा के इशारे पर चुनाव में धांधली करने के इरादे से किया जा रहा था. वहीं, निर्वाचन आयोग का कहना है कि ईवीएम प्रशिक्षण के लिए ले जाई जा रही थीं, जिन्हें कुछ राजनीतिक लोगों ने रोककर चुनाव में प्रयुक्त ईवीएम कहकर अफ़वाह फैलाई.
विधानसभा चुनाव राउंड-अप: उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि चुनाव के मद्देनज़र लागू आदर्श आचार संहिता के तहत अब तक लगभग 103.56 करोड़ रुपये की नकदी और 62.13 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 22 लाख लीटर से ज़्यादा शराब ज़ब्त की गई.
ग्राउंड रिपोर्ट: पूर्वांचल में मीडिया के एक तबके द्वारा बनाए गए ‘लाभार्थी नैरेटिव’ पर स्थानीय लोगों की बढ़ी हुई राजनीतिक चेतना हावी दिखती है. मीडिया में हो रही बहस के उलट ज़मीन पर तस्वीर कुछ अलग ही है.