विवादित कृषि विधेयकों को वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लक्ष्य से 31 किसान संघों ने पंजाब में कई जगहों पर बीते एक अक्टूबर से ट्रेन की पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए अवरुद्ध कर दिया है. किसान कई भाजपा नेताओं के घर के बाहर भी धरना दे रहे हैं.
बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय केंद्रीय गृह सचिव रहे माधव गोडबोले ने कहा है कि मस्जिद गिराने की साज़िश रची गई थी और इसी आधार पर उन्होंने तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार को बर्ख़ास्त करने की सिफ़ारिश की थी.
वीडियो: बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के सभी 32 आरोपियों को सीबीआई विशेष अदालत ने बरी करने के फैसले को बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी हाईकोर्ट में चुनौती देगी. लखनऊ से असद रिज़वी की रिपोर्ट.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की शुरुआत इस बारे में दर्ज दो एफआईआर 197 और 198 से हुई थी. पहली एफआईआर विध्वंस के ठीक बाद अयोध्या थाने में लाखों अज्ञात कारसेवकों के ख़िलाफ़ दर्ज हुई थी और दूसरी जिसमें भाजपा, संघ और बाकी संगठनों के नेता नामजद थे.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा नेताओं समेत 32 आरोपियों को बरी किए जाने पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि विशेष सीबीआई अदालत का यह फैसला ग़लत है. अदालत ने सबूतों को नज़रअंदाज़ कर यह निर्णय दिया है. वहीं राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के मुद्दई रहे इक़बाल अंसारी ने इस फैसले का स्वागत किया है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा नेताओं समेत 32 लोगों को बरी करते हुए विशेष सीबीआई अदालत ने कहा था कि कुछ अराजक कारसेवकों के समूह द्वारा मस्जिद गिराई गई थी और ऐसे लोगों को रामभक्त नहीं कहा जा सकता है. मस्जिद गिराना पूर्व नियोजित साज़िश नहीं थी.
समाज से न्याय का बोध लुप्त हो सकता है, उससे भी ख़तरनाक है जब वह इंसाफ़ की परवाह ही न करे. भारत का बहुसंख्यक समाज अभी अपने बाहुबल के नशे में है. न्याय उसके लिए अप्रासंगिक हो चुका है. वह जानता है कि उसके नाम पर जो हो रहा है, वह अन्याय है, लेकिन वह इससे परेशान नहीं बल्कि प्रसन्न है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच के लिए 1992 में जस्टिस एमएस लिब्रहान की अगुवाई में लिब्रहान आयोग का गठन किया गया था, जिसने साल 2009 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. आयोग ने कहा था कि कारसेवकों का जुटान अचानक या स्वैच्छिक नहीं था, बल्कि योजनाबद्ध था.
वीडियो: 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को कारसेवकों की एक भीड़ ने ढहा दिया, जिसे लेकर देशभर में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया, हिंसा हुई और हज़ारों लोग इस हिंसा की बलि चढ़ गए. इस मुद्दे पर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पिछले हफ़्ते राजस्थान में सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित शिक्षक पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग की भर्ती के लिए हुआ आंदोलन हिंसा में बदल गया था. हिंसा उदयपुर सहित प्रदेश के चार ज़िलों डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में फैल गई थी. इस दौरान दो लोगों की मौत भी हुई. क्षेत्र में अभी शांति है, लेकिन तनाव बरक़रार है.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए विशेष सीबीआई अदालत ने कहा कि सीबीआई पर्याप्त सबूत नहीं दे सकी. बाबरी मस्जिद विध्वंस सुनियोजित नहीं था और असामाजिक तत्व गुंबद पर चढ़े थे. हालांकि, विध्वंस के गवाहों में से एक वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान फैसले पर सवाल उठा रहे हैं.
विशेष सीबीआई अदालत ने अपने फ़ैसले में कहा कि सीबीआई पर्याप्त सबूत नहीं दे सकी. बाबरी मस्जिद विध्वंस सुनियोजित नहीं था और असामाजिक तत्व गुंबद पर चढ़े थे.
बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सभी आरोपियों को बरी करने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि अब ये विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए तत्पर होना चाहिए. विपक्ष ने इस निर्णय को तर्कहीन बताया है.
दिल्ली दंगा मामले में सामने आए दो वॉट्सऐप ग्रुप में से एक 'हिंदू कट्टर एकता ग्रुप' है, जहां 'मुल्लों को मारने' के दावे किए गए हैं. दूसरी ओर दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट ग्रुप में सीएए विरोधी प्रदर्शन, हिंसा न करने और संविधान में भरोसा रखने की बातें हुई हैं. दिल्ली पुलिस ने दूसरे ग्रुप के कई सदस्यों को दंगों का साज़िशकर्ता बताया है.
असम की पूर्व मुख्यमंत्री सैयदा अनवरा तैमूर दिसंबर 1980 से लेकर जून 1981 तक असम की मुख्यमंत्री रही थीं. चार बार विधायक रहने के साथ ही वह राज्यसभा सदस्य भी थीं. पूर्व मुख्यमंत्री बीते कुछ सालों से अपने बेटे के साथ ऑस्ट्रेलिया में रह रही थीं.