प्रधानमंत्री कार्यालय ने कथित तौर पर विभिन्न राज्यों के नौकरशाहों से उन जगहों के बारे में जानकारियां मांगी, जहां प्रधानमंत्री को चुनाव प्रचार के लिए जाना था. अगर यह साबित हो जाता है तो न केवल आदर्श आचार संहिता बल्कि जनप्रतिनिधि क़ानून का उल्लंघन होगा.
विशेष रिपोर्ट: राजस्थान के कई शहरों और कस्बों में कुछ प्रदर्शन आठ से दस वर्षों से चल रहे हैं. इस बीच भाजपा और कांग्रेस की सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी सरकार ने इन लोगों की शिकायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया.
लोकसभा चुनाव में वाराणसी से प्रत्याशी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में सैनिकों और शहीदों का लगातार ज़िक्र कर रहे हैं. वाराणसी ज़िले के ही तोफापुर गांव के सीआरपीएफ जवान रमेश यादव पुलवामा हमले में शहीद हुए थे. चुनाव में प्रधानमंत्री और भाजपा द्वारा सेना और पुलवामा हमले के इस्तेमाल पर क्या सोचते हैं शहीद के परिजन और ग्रामीण.
नामांकन रद्द होने के बाद तेज बहादुर ने कहा कि मेरा नामांकन गलत तरीके से रद्द किया गया है. मुझे सबूत देने के लिए कहा गया था, मैंने सबूत दिए भी. इसके बावजूद मेरा नामांकन रद्द कर दिया गया. हम इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
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भाजपा के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि भारत में नए रोज़गार चाहने वालों की संख्या बहुत अधिक है. इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को नई सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती. इसीलिए हमारा ज़ोर उद्यमिता और स्व-रोज़गार पर है.
केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि शौर्य डोभाल को उनके पिता के विरोधियों से ख़तरा है, इसलिए ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई. उनके अलावा पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे भाजपा के कई उम्मीदवारों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.
अगर भाजपा पिछली बार जीती गई 282 सीटों से कम सीटें पाती है, तो पार्टी को सहयोगियों की ज़रूरत होगी. समीकरण जैसे भी बनें, यह निश्चित है कि अगली सरकार गठबंधन की या खिचड़ी सरकार होगी, जिसे मोदी बिल्कुल पसंद नहीं करते.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अप्रैल को महाराष्ट्र के वर्धा में एक रैली को संबोधित करते हुए कथित रूप से कहा था कि विपक्षी दल लोकसभा की उन सीटों से अपने नेताओं को खड़ा करने से डरता है जहां बहुसंख्यकों का प्रभुत्व है.
आज भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर में है जब कोई भी राजनीतिक पार्टी मुस्लिम समुदाय की बात नहीं करना चाहती. वे राजनीतिक रूप से अछूत बना दिए गए हैं. अब उनका इस्तेमाल बहुसंख्यक आबादी को वोट बैंक में तब्दील करने के लिए किया जा रहा है.
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देश में दूसरे रोज़गारों की उपलब्धता इतनी कम है कि ग्रामीणों को मजबूरन मनरेगा में काम करना पड़ रहा है. इस स्थिति में यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि मनरेगा में कार्यरत ग्रामीण बंधुआ मज़दूर बन गए हैं. उनके लिए न तो एक सम्मानजनक मानदेय है और न ही समय पर मज़दूरी मिलने की कोई उम्मीद.
देश के ग़रीब प्रधानमंत्री ने चुनावी ख़र्चे का इतिहास ही बदल दिया है, इसलिए कॉरपोरेट को भी ज्यादा चंदा देना होगा. कॉरपोरेट नहीं बताना चाहते हैं कि वे किसे और कितना चंदा दे रहे हैं. उनकी सुविधा के लिए प्रधानमंत्री ने इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने का चतुर क़ानून बनाया और बड़ी आसानी से जनता को बेच दिया कि चुनावी प्रक्रिया को क्लीन किया जा रहा है.
गृह मंत्रालय ने एक पत्र में कहा कि उसे भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से अर्ज़ी मिली है, जिसमें राहुल गांधी को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि राहुल जन्मजात भारतीय नागरिक हैं, लेकिन ‘फर्ज़ी विमर्श’ के ज़रिये बेरोज़गारी एवं कृषि संकट जैसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास किया जा रहा है.
चुनाव आयोग का यह दिशानिर्देश समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा रामपुर में भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा पर की गई टिप्पणी के बाद आया है.