हम भी भारत, एपिसोड 16: साल 2018 में दुनिया की राजनीतिक चुनौतियों से कैसे निपटेगा भारत?

हम भी भारत की 16वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, साल 2018 की राजनीतिक चुनौतियों और इससे निपटने के लिए भारत की रणनीति पर चर्चा कर रही हैं.

जन गण मन की बात, एपिसोड 173: राहुल गांधी और हज यात्रा

जन गण मन की बात की 173वीं कड़ी में विनोद दुआ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जनता से माफ़ी मांगने और हज यात्रा को लेकर मोदी सरकार के रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.

कुछ नालायक नेताओं ने दाढ़ीवालों को यहां रोक दिया इसलिए हम मुसीबत में हैं: भाजपा विधायक

मुज़फ्फरनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खतौली से भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि देश का नाम हिंदुस्तान है यानी हिंदुओं का देश.

इतिहास को तोड़ना-मरोड़ना अलग तरीके का आतंक है: इतिहासकार

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और इतिहासकार केएम श्रीमाली ने आरोप लगाया कि संघ और भाजपा धार्मिक आधारों पर देश को बांटने के लिए प्रतिबद्ध है.

2017 में ज़्यादातर देशों की जीडीपी बढ़ी, बेरोज़गारी घटी लेकिन भारत में ऐसा नहीं हुआ

2017 को एक ऐसे साल के तौर पर याद किया जाएगा, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने ही हाथों भारी नुकसान पहुंचाया गया. इससे जीडीपी में तीव्र गिरावट आयी और पहले से ही नए रोज़गार निर्माण की ख़राब स्थिति और बदतर हुई.

क्या राहुल की ‘भद्रता’ उनकी कमज़ोरी को छिपाने का बहाना है?

राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी ने मणिशंकर अय्यर से दूरी बनाने की जितनी जल्दबाज़ी दिखाई उससे गुजरात और देश ने यह सबक नहीं लिया कि राहुल एक भद्र व्यक्ति हैं बल्कि यह संदेश गया कि राहुल में लड़ने का माद्दा नहीं है.

गुजरात में नाराज़ उपमुख्यमंत्री ने नहीं संभाला कामकाज, हार्दिक ने दिया साथ आने का न्योता

उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मिलने पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम पटेल ने इस्तीफ़े की बात नकारते हुए कहा कि पार्टी को नितिन को सौंपे गये विभागों पर दोबारा सोचना चाहिए.

‘आप इतिहास नहीं बदल सकते, तथ्यों को सृजित करेंगे तो वह इतिहास नहीं कल्पना होगी’

इतिहासकार इरफान हबीब की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब विपक्षी दल, भाजपा एवं संघ पर हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाने के लिए भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगा रहे हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 15: साल 2017 का राजनीति घटनाक्रम और 2018 की राजनीतिक दिशा

हम भी भारत की 15वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, साल 2017 के राजनीतिक घटनाक्रमों और आने वाले साल में राजनीति की दिशा पर चर्चा कर रही हैं.

जिस संविधान की कसमें खाते हैं उसी को मिटाने की ​बात करते हैं

मुल्क की बागडोर संभालते वक्त ‘संविधान को सबसे पवित्र किताब’ कहने वाले तथा अपने आप को ‘आंबेडकर का शिष्य’ घोषित करने वाले प्रधानमंत्री ने भी अनंत कुमार हेगड़े के बयान पर खामोशी बरतना मुनासिब समझा.

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