आंबेडकरवादी प्रतीकों के साथ संघ की सोशल इंजीनियरिंग

सेकुलर शक्तियों को याद रखना चाहिए कि 1974 के बाद से ही संघ परिवार बड़ी होशियारी के साथ दलित और पिछड़े प्रतीकों को हड़प के अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने के कौशल को विकसित करने में लगा हुआ है.

मेघालय में वध के लिए मवेशियों की ख़रीद-बिक्री पर रोक के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित

मेघालय सरकार का तर्क है कि केंद्र की इस अधिसूचना से राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ ही लोगों के खान​​​​-पान की संस्कृति प्रभावित होगी.

फिर फर्ज़ी ख़बर फैलाते पाए गए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा

सोशल मीडिया पर भारतीय सैनिकों की फर्ज़ी तस्वीर और जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का फर्ज़ी वीडियो साझा करने के बाद संबित पात्रा एक बार फिर झूठी ख़बर फैलाते हुए पाए गए हैं.

हमारी छवि ख़राब करने वालों पर अवमानना की कार्रवाई का अधिकार हमें दिया जाए: चुनाव आयोग

केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 में बदलाव करने की मांग की है.

हमारे सेना प्रमुख सड़क के गुंडे की तरह क्यों बयान देते हैं: कांग्रेस नेता

वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने ये बयान देने के बाद माफी मांग ली.

महात्मा गांधी बहुत चतुर बनिया था: अमित शाह

छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सिद्धांतों पर आधारित पार्टी नहीं है, यह केवल आज़ादी पाने का साधन मात्र थी और महात्मा गांधी कांग्रेस के उजाड़ भविष्य के बारे में जानते थे.

मेघालय: पशुवध संबंधी नए नियम के विरोध में पांच हज़ार भाजपाइयों ने पार्टी छोड़ी

पांच हज़ार कार्यकर्ताओं के अलावा, पांच मंडल इकाइयां भी भंग हो गई हैं. इसके पहले दो बड़े नेता इसी मुद्दे पर पार्टी छोड़ चुके हैं.

बीफ बैन को लेकर मेघालय भाजपा के एक और नेता ने इस्तीफा दिया

भाजपा से इस्तीफा देने के बाद बाचू ने कहा, ‘मैं लोगों की भावनाओं को लेकर समझौता नहीं कर सकता. बीफ खाना हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है. हमें भाजपा की गैरकानूनी विचारधारा स्वीकार नहीं है.’

मोदी सरकार ने विज्ञापन पर ख़र्च किए 1500 से 2000 करोड़: कांग्रेस

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा का आरोप, सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों को बंद करने का प्रयास कर रही है केंद्र सरकार. अर्थव्यवस्था पर की श्वेत पत्र लाने की मांग.

‘मोदी सरकार का हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा था, लेकिन मिलीं सिर्फ़ 1.37 लाख’

'उत्पादन इकाइयां, कारखाने तेज़ी से बंद हो रहे हैं. अकेले महाराष्ट्र में 48 हज़ार फैक्टरियां बंद हुई हैं. अर्थव्यवस्था गहरे संकट से गुज़र रही है. रोज़गार के अवसर घट रहे हैं. कोई निवेश हो नहीं रहा है.'

हमारे न्यूज़ चैनल तू-तू, मैं-मैं पर क्यों उतर आए हैं?

न्यूज़ चैनल हर विषय पर दलीय प्रवक्ताओं की भीड़ क्यों इकट्ठा करना चाहते हैं? क्या वे राजनीतिक दलों, ख़ासकर सत्ताधारी दल को हर मुद्दे पर अपना फोरम मुहैया कर खुश रखने की कोशिश करते हैं?

क्या मोदी सरकार में एक मुसलमान के सामने ज़िंदा बचे रहना ही सबसे बड़ी चुनौती है?

नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले तीन साल के राज में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने मुसलमानों में असुरक्षा और भय की तीव्र भावना पैदा करने का काम किया.

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