विकास परियोजनाओं में देरी से करदाताओं का पैसा बर्बाद हो रहा है: हाईकोर्ट

अदालत ने कहा, परियोजना कछुए की चाल से भी नहीं बढ़ रही और भाजपा नगर निगम पर दस साल से अधिक समय से शासन कर रही है फिर भी परियोजनाएं पूरी नहीं हुई हैं.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का साक्षात्कार

इस महीने असम के मुख्यमंत्री के रूप में एक साल पूरे करने जा रहे सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि एक सुदृढ़ शासन व्यवस्था बनाने के लिए जनता की आवाज़ को भी सुना जाना ज़रूरी है.

क्या भाजपा को वाक़ई मुसलमानों की चिंता हैं?

मुसलमानों के एक तबके में भाजपा को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है, लेकिन भाजपा की तरफ़ से ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है कि मुसलमानों के लिए कुछ किया हो.

रामलला के दर्शन के लिए बाबर के अनुयायियों से वीज़ा की ज़रूरत नहीं: कैबिनेट मंत्री

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, लगभग 500 साल पहले आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति के प्रतीक को ध्वस्त करने का प्रयास किया.

बीफ वीडियो पर काजोल का सफाई देना इस डरावने दौर का सबूत है

हिंदुस्तान में जो व्यक्ति जितना ज़्यादा ताकतवर और प्रसिद्ध है, उसके सत्ता के पक्ष में बयान देने की संभावना उतनी ज़्यादा रहती है. चाहे वे फिल्म स्टार हों या बिज़नेसमैन, सभी ने सत्तारूढ़ दल के साथ खड़े होने की अपनी वजहें तलाश ली हैं.

अगर मोदी मुस्लिम महिलाओं को उनका हक़ दिलाना चाहते हैं तो बिलकिस को इंसाफ क्यों नहीं दिलाया?

बिलकिस बानो को इंसाफ मिल पाया क्योंकि शेष भारत और देश की अन्य संस्थाओं में अभी अराजकता की वह स्थिति नहीं है, जिसे नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में प्रश्रय दिया था. पर अब धीरे-धीरे यह अराजकता प्रादेशिक सीमाओं को तोड़कर राष्ट्रीय होती जा रही है.

वाजपेयी चाहते थे कश्मीरी उन्हें प्यार करें पर मोदी चाहते हैं कि कश्मीरी उनसे डरें: यासीन मलिक

जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक का कहना है कि वर्तमान सरकार कश्मीरियों की एक पूरी पीढ़ी को सशस्त्र संघर्ष के लिए मजबूर कर रही है.

लोकपाल के क्रियान्वयन को लटकाकर रखना न्यायसंगत नहीं: उच्चतम न्यायालय

संसद ने वर्ष 2013 में लोकपाल विधेयक पारित कर दिया था और यह वर्ष 2014 में लागू हो गया था. इसके बावजूद अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी है.

जब चुनाव मुद्दों की जगह भावनाओं पर लड़ा जाएगा तो जीत भाजपा की होगी

जब एमसीडी चुनाव में साफ-सफाई, सड़कें, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और पार्षदों का नकारापन मुद्दा नहीं बना तभी यह बात साफ हो गई थी कि भाजपा चुनाव में जीत हासिल कर चुकी है.

भाजपा के दस साल के कामकाज से नाखुश होने के बाद भी जनता ने उसे क्यों चुना?

दिल्ली ​नगर निगम चुनाव से पहले लगभग सभी ओपीनियन पोल में जनता भाजपा शासित एमसीडी के कामकाज से नाखुशी जताते हुए भी वोट भाजपा को ही देने की बात कर रही थी.

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