मोदी सरकार और आरबीआई ने छोटे व्यवसायों को हुए नुकसान के बारे में आधा सच और झूठ बताया था

नोटबंदी और जीएसटी लाए जाने के दो साल बाद केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्योगों पर इन दोनों के प्रभाव के बारे में संसद को गुमराह किया. सरकारी आश्वासनों पर संसदीय समिति ने भ्रामक बयानों और पूरा सच न बताने के लिए सरकार को फटकारा था और दोनों निर्णयों से हुए नुकसान का फैक्ट-चेक भी किया था.

नरेंद्र मोदी का यह दावा ग़लत है कि चुनावी बॉन्ड से उन्होंने राजनीतिक फंडिंग के स्रोत उजागर किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि उनके द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना के कारण ही राजनीतिक चंदे के स्रोतों के नाम सामने आए हैं. हालांकि, हक़ीक़त यह है कि मोदी सरकार ने चंदादाताओं के नाम छिपाने के लिए हरसंभव कोशिश की थी.

चुनावी बॉन्ड की जानकारी छिपाने के लिए सरकार एसबीआई को ढाल बना रही है: कांग्रेस

भारतीय स्टेट बैंक द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना का विवरण पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 30 जून तक का समय मांगने के बाद सीपीआई महासचिव डी. राजा ने कहा कि इस विवरण का खुलासा करने में एसबीआई की अनिच्छा कुछ और नहीं बल्कि चुनाव से पहले भाजपा सरकार को शर्मिंदगी से बचाने का एक प्रयास है.

चुनावी बॉन्ड: ‘सुप्रीम कोर्ट एसबीआई के मुंह में उंगली डालकर जानकारी निकलवा सकता है’

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट के चुनावी बॉन्ड योजना रद्द करने के बाद स्टेट बैंक ने इसके द्वारा मांगे गए विवरण देने के लिए जून तक की मोहलत मांगी है. इसे लेकर विभिन्न जानकारों ने सवाल उठाए हैं. इसी विषय में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज गोविंद माथुर से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड्स की जानकारी साझा करने के लिए कोर्ट से जून तक का वक़्त मांगा

15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते समय सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को आदेश दिया था कि वह अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक दे, जिसे चुनाव आयोग 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट प्रकाशित करेगा.

चुनावी बॉन्ड: कोर्ट के योजना रद्द करने से कुछ समय पहले सरकार ने 8 हज़ार करोड़ रुपये के बॉन्ड छापे

एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी बताती है कि 29 दिसंबर, 2023 से इस साल 15 फरवरी तक सरकार ने एक करोड़ रुपये मूल्य के 8,350 बॉन्ड छापे थे.

भाजपा का ख़ुफ़िया चुनावी बॉन्ड ग़ैर-क़ानूनी, मोदी के इस्तीफ़े की मांग उठेगी?

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने बीते बृ​हस्पतिवार को साल 2018 में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया. इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत.

इलेक्टोरल बॉन्ड लोकतंत्र का गला दबाने की योजना थी: कपिल सिब्बल

वीडियो: बीते 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था. इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और आरटीआई एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज से अतुल होवाले की बातचीत.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द किया, दान का विवरण देने को कहा

शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड जारी करने पर भी रोक लगा दी है और एसबीआई से योगदान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों का विवरण देने के लिए कहा है. चुनावी बॉन्ड योजना 2018 की शुरुआत में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाई गई थी. इसके माध्यम से भारत में कंपनियां और व्यक्ति राजनीतिक दलों को गुमनाम दान दे सकते हैं.

चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, मोदी सरकार को लगा झटका

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए बृहस्पतिवार को इसे रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉन्ड जारी करने पर भी रोक लगा दी है और योगदान प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों का विवरण देने के लिए कहा है. इस मामले पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

मध्य प्रदेश: केंद्रीय मंत्री के बेटे का एक और वीडियो वायरल, सैकड़ों करोड़ की कथित डील करते दिखे

बीते हफ्ते एक बिचौलिए के साथ करोड़ों की 'डील' का वीडियो सामने आने के बाद फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे सैकड़ों करोड़ के लेनदेन की बात करते दिखते हैं. मध्य प्रदेश की दिमनी सीट से चुनाव लड़ रहे नरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री पद की रेस में भी हैं.

दिल्ली में भारतीय रिज़र्व बैंक के बाहर क्यों लगी लोगों की क़तारें?

वीडियो: रिज़र्व बैंक ने बीते मई में 2016 की नोटबंदी में लाए गए दो हज़ार रुपये के नोट को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इन्हें 30 सितंबर तक बदला जा सकता है. बाद में यह समयसीमा सात अक्टूबर तक बढ़ाई गई. फिर कहा गया कि जो लोग अब भी नोट नहीं बदल सके, वे आरबीआई के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों से जाकर नोट बदल सकते हैं.

2,000 रुपये को नोटों की वापसी की जटिल प्रक्रिया का असली निशाना कौन है?

2,000 रुपये के नोट रखने वालों के लिए अब एक स्पष्ट प्रोत्साहन है कि वे बैंक में पैसे जमा करने के बजाय सिर्फ एक्सचेंज के लिए जाएं और आयकर उद्देश्यों के लिए जांच की जाए. हालांकि, नोट एक्सचेंज करने को काफी मुश्किल बना दिया गया है क्योंकि एक बार में सिर्फ 20,000 रुपये ही बदले जा सकते हैं.

क्या दो हज़ार रुपये के नोट की वापसी मोदी की नोटबंदी की विफलता का सबूत है?

वीडियो: 2,000 रुपये का नोट क्यों जारी किया गया था और इसकी वापसी क्यों हुई? क्या काला धन ख़त्म हो गया है? क्या भारत में इस नोट की ज़रूरत है?

पीएम के पूर्व सचिव बोले- मोदी 2,000 का नोट लाने के ख़िलाफ़ थे, विपक्ष ने ‘डैमेज कंट्रोल’ बताया

भारतीय रिजर्व बैंक के 2,000 रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा को काले धन और जमाखोरी पर प्रहार बताने के भाजपा नेताओं के दावे पर पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बैंक में बिना आईडी प्रूफ के उक्त नोट बदले जाने पर जो भी 'काले धन' की जमाखोरी कर रहा है, वह रडार पर आए बिना उन्हें बदल सकता है.

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