पिछले पांच साल में विदेशी खातों में काले धन के बारे में औपचारिक आकलन नहीं: सरकार

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि पिछले पांच साल के दौरान विदेशी खातों में काले धन की राशि के संबंध में कोई औपचारिक आकलन नहीं है. हालांकि, सरकार ने विदेशों में जमा काले धन के खिलाफ अनेक कदम उठाएं हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं.

नोटबंदी के पांच साल बाद मोदी सरकार के पास इसकी सफलता बताने के लिए कुछ भी नहीं है

नोटबंदी के अप्रत्याशित फ़ैसले के ज़रिये बात चाहे काले धन पर अंकुश की हो, आर्थिक प्रणाली से नकद को कम करने या टैक्स-जीडीपी अनुपात बढ़ाने की, आंकड़े मोदी सरकार के पक्ष में नहीं जाते.

नोटबंदी के पांच साल बाद भी नकद राशि अपने उच्चतम स्तर पर पहुंची: रिपोर्ट

पिछले महीने आठ अक्टूबर को समाप्त हुए पखवाड़े पर नकदी 28.30 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर रही, जो कि नोटबंदी से पहले चार नवंबर 2016 की तुलना में 57.48 फीसदी अधिक है. उस समय जनता के हाथों में 17.97 लाख करोड़ रुपये की नकद राशि उपलब्ध थी.

पैंडोरा पेपर्स: कमलनाथ के बेटे और अगस्ता वेस्टलैंड के प्रमुख आरोपियों के नाम भी शामिल

पैंडोरा पेपर्स में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ के एनआरआई बेटे बकुलनाथ का नाम सामने आया है. इसके अलावा अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर स्कैंडल के आरोपी राजीव सक्सेना का भी नाम इसमें शामिल है. प्रभावशाली व्यक्तियों की छिपाई गई संपत्ति का खुलासा करने वाले ‘पैंडोरा पेपर्स’ में भारत से उद्योगपति अनिल अंबानी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी, क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर आदि के नाम शामिल हैं.

पैंडोरा पेपर्स मामले में केंद्र सरकार करेगी जांच, कहा- बहु-एजेंसी समूह करेगा निगरानी

दुनिया भर के प्रभावशाली व्यक्तियों की छिपाई गई संपत्ति का ख़ुलासा करने वाले ‘पैंडोरा पेपर्स’ में 300 से अधिक भारतीयों के नाम हैं. सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि सरकार ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लिया है. संबंधित जांच एजेंसियां ​​इन मामलों की पड़ताल करेंगी और क़ानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी

पैंडोरा पेपर्स: कारोबारी, नेता, अभिनेता समेत 300 से ज़्यादा भारतीयों ने टैक्स हैवेंस में धन छुपाया

पैंडोरा पेपर्स नामक अंतरराष्ट्रीय ख़ुलासे में बताया गया है कि सैकड़ों बड़े भारतीय नाम टैक्स से बचने के लिए अपनी संपत्तियों को टैक्स हैवेंस में छिपाने, ऑफशोर कंपनियां खोलने, कुल संपत्तियों का खुलासा न करने में शामिल हैं. इस सूची में कारोबारी अनिल अंबानी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अभिनेता जैकी श्रॉफ, बायोकॉन की कार्यकारी अध्यक्ष किरण मजूमदार शॉ, दिवंगत कांग्रेस नेता सतीश शर्मा जैसे लोगों के नाम शामिल हैं.

पैंडोरा पेपर्स: लीक दस्तावेज़ों में अवैध संपत्ति छिपाने वाले अंतरराष्ट्रीय नेताओं के नाम भी

इन गुप्त खातों के लाभार्थियों के रूप में पहचाने गए नेताओं में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर, चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री आंद्रेज बाबिस, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा, इक्वाडोर के राष्ट्रपति गुइलेर्मो लासो, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल हैं.

बिहार: खाते में अचानक आए 5.5 लाख रुपये प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए बताकर लौटाने से इनकार किया

बिहार के खगड़िया ज़िले का मामला. खाते में अचानक आए पैसे को बैंक को लौटाने से इनकार करने पर युवक को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में अपने चुनाव अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी ने विदेश से कालाधन आने पर हर एक बैंक खाते में 15 लाख रुपये पहुंचाने की बात कही थी.

बीते 10 वर्षों में स्विस बैंक में जमा काले धन का कोई अनुमान नही: केंद्र सरकार

बीते 10 वर्षों में स्विस बैंक में जमा की गई धनराशि और इसे वापस लाने के बारे में केंद्र सरकार से सवाल पूछा गया था, जिसके लिखित जवाब में वित्त राज्यंमत्री पंकज चौधरी ने यह बयान लोकसभा में दिया. इसके इतर वित्त मंत्रालय ने काले धन से निपटने के लिए लागू किए गए क़ानूनों की जानकारी दी और इस संबंध में देशों के साथ किए गए समझौतों के बारे में बताया.

पनामा पेपर्स: भारत में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित संपत्ति का पता लगा

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में बताया है कि पनामा पेपर्स खुलासे के बाद से 46 मामले दायर किए गए और आरोपियों से 142 करोड़ रुपये का कर वसूला जा चुका है. ‘पनामा पेपर्स’ नामक जांच के तहत भारत समेत दुनियाभर के धनकुबेरों एवं ताक़तवर लोगों की छिपाई गई संपत्ति का खुलासा किया गया था, जिन्होंने टैक्स बचाने के लिए ग्लोबल टैक्स हैवेंस कहे जाने वाले देशों की ऑफशोर कंपनियों में अपने पैसों को

पिछले दो सालों में दो हज़ार रुपये के नोट नहीं छापे गए: सरकार

साल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन और नकली नोटों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नोटबंदी की ऐतिहासिक घोषणा की थी. तब 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया गया था. इसके बाद सरकार ने 500 तथा 2,000 रुपये के नए नोट जारी किए थे.

दिल्ली चुनाव के दौरान पांच राजनीतिक दलों को मिला लगभग 50 करोड़ रुपये फंड: एडीआर

एडीआर ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के 230 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी भाजपा, राकांपा, भाकपा, जदयू, राजद, रालोद समेत कई दलों द्वारा अब तक उनके चुनावी ख़र्च की जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.

आयकर विभाग ने कालाधन अधिनियम के तहत मुकेश अंबानी की पत्नी और उनके तीनों बच्चों को भेजा नोटिस

28 मार्च, 2019 को भेजे गए आयकर विभाग के नोटिस के मुताबिक मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों पर विदेश में अघोषित विदेशी और संपत्ति रखने का आरोप है.

साल 2018-19 में नकदी 17 फीसदी बढ़कर 21.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंची: आरबीआई

नोटबंदी से पहले 4 नवंबर, 2016 तक 17.74 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा चलन में थी. इस तरह नोटबंदी से पहले की तुलना में नकद राशि यानि चलन में मुद्रा में करीब 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

नोटबंदी से पहले की तुलना में करीब 22 फीसदी नकदी बढ़ी

राज्यसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिए गए लिखित जवाब के मुताबिक नोटबंदी से पहले चार नवंबर, 2016 तक 17.97 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा प्रचलन में थी, लेकिन अब ये राशि बढ़कर 21.71 लाख करोड़ रुपये हो गई है.

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