कर्नाटक हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के ब्लॉकिंग आदेशों के ख़िलाफ़ ट्विटर की याचिका ख़ारिज की

ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए ब्लॉकिंग आदेशों को चुनौती दी थी. अदालत ने इस तथ्य का हवाला दिया कि ट्विटर ने नोटिस दिए जाने के बावजूद सरकार के ब्लॉकिंग आदेशों का पालन नहीं किया. ​इसके ‘आचरण’ को लेकर अदालत ने 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

ट्वीट ब्लॉक करने के सरकारी आदेशों की संख्या 2014 के आठ से बढ़कर 2022 में 3,400 हुई: आरटीआई

सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के विश्लेषण से पता चला है कि केंद्र सरकार द्वारा 2021 में कुल 6,096 और 2022 में 6,775 यूआरएल ब्लॉक किए गए, जिसमें सभी तरह के यूआरएल जैसे वेबपेज, वेबसाइट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विशिष्ट पेज आदि शामिल हैं.

सरकार ने किसान आंदोलन, कोविड प्रबंधन पर सवाल उठाने वाले एकाउंट ब्लॉक करने को कहा: ट्विटर

ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में बताया कि सरकार ने उसे किसी ट्वीट के आधार पर पूरे एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था, हालांकि आईटी अधिनियम की धारा 69 (ए) पूरे एकाउंट को ब्लॉक करने की अनुमति नहीं देती. धारा के तहत केवल सूचना या किसी विशेष ट्वीट को ब्लॉक करने की इजाज़त है.

2022 के छह महीनों में ट्विटर सामग्री ब्लॉक करने के सरकारी आदेश 2019 के आंकड़ों के पार

2014 से 2020 के बीच केंद्र की मोदी सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियों और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को जारी किए गए सामग्री हटाने या ब्लॉक करने संबंधी आदेशों की संख्या में लगभग 2,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2014 में ऐसे आदेशों की संख्या 471 थी, जो कि 2020 में बढ़कर 9,849 पहुंच गई. यह भारत में बढ़ती ऑनलाइन सेंसरशिप की प्रवृत्ति को उजागर करता है.