बीते वर्ष मणिपुर पर लिखित एक किताब पर विवाद खड़ा होने के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने आदेश जारी किया था कि मणिपुर को लेकर लिखी गई किसी भी किताब के प्रकाशन से पहले एक समिति कि मंज़ूरी लेनी होगी. इस आदेश के ख़िलाफ़ एक पत्रकार ने मणिपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
मणिपुर सरकार ने दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की किताब 'द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन्स एंड रियलिटी' में दर्ज जानकारियों को भ्रामक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. किताब में मणिपुर रियासत के भारत के विलय का इतिहास बताया गया है.
मणिपुर की भाजपा सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में कहा है कि राज्य के इतिहास, संस्कृति, परंपरा और भूगोल पर प्रकाशित कुछ पुस्तकों की सामग्री तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करती है. इसलिए, इन किताबों को 'सही जानकारी' के साथ प्रकाशित करने पर निगरानी रखने के लिए एक 15 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.