वैश्विक बाजार स्थिति के चलते जहां कई अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है, वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ ऐसा नहीं हुआ है. क्या आम भारतीयों के लिए प्रमुख बचत का ज़रिया रहे एलआईसी को इस तरह आनन-फानन बेचा जाना चाहिए?
श्रमिक संगठनों ने सरकार के हवाई अड्डों के निजीकरण और भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) में भी हिस्सेदारी बेचने के प्रस्ताव की आलोचना की है.
सरकार देश की तीसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी तथा दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपारेशन लिमिटेड निजीकरण के लिए तैयार है. एक अधिकारी ने बताया कि वीआरएस उन कर्मचारियों को बाहर निकलने का विकल्प देने लिए लाया गया है, जो निजी प्रबंधन के तहत काम नहीं करना चाहते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में विनिवेश आय से 2.1 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा था, जिसको पूरा करने के लिए देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड का निजीकरण आवश्यक है.
ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल ने एक बयान में कहा कि इस हड़ताल की प्रमुख वजह बीएसएनएल के पुनरोद्धार पैकेज को अमल में लाने में देरी और कर्मचारियों की शिकायतों का निवारण है.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में सरकार की 75 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, जिसमें से पांच फीसदी बेचने की योजना है. इससे सरकार को 1,000 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. इससे पहले दिसंबर 2014 में भी केंद्र सरकार ने पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते नवंबर में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की रणनीतिक बिक्री को मंज़ूरी दी थी. कंपनी के निजीकरण के लिए बोली लगाने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जा सकती है.
सार्वजनिक क्षेत्र के तेल उपक्रम भारत पेट्रोलियम निगम लिमिटेड (बीपीसीएल) के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा कंपनी का निजीकरण करना देश के लिए आत्मघाती साबित होगा.
वित्तीय संकट से जूझ रहीं सरकारी दूरसंचार कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने नवंबर की शुरुआत में अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) योजना पेश की थी. बीएसएनएल के प्रबंधन ने दावा किया था कि कुल 1.6 लाख कर्मचारियों में से 77 हज़ार कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है.
बीएसएनएल के मामले में अभी तक 77,000 कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं. एमटीएनएल को पिछले दस में से नौ साल घाटा हुआ है. बीएसएनएल भी 2010 से घाटे में है. दोनों कंपनियों 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के नियंत्रण से बाहर कर सरकार पेट्रोलियम कंपनी में अपनी 53.29 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी.
मामला मल्लापुरम ज़िले के निलाम्बुर का है, जहां बीएसएनएल के एक अनुबंधित कर्मचारी ने अपने दफ्तर में फांसी लगा ली. श्रमिक संघ ने बताया कि अनुबंधित कर्मचारियों को पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिला है और बीते 130 दिन से वे बकाया वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वित्तीय संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी के कुछ दिनों बाद दोनों कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना पेश की है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई जाएगी. विलय की प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की एक इकाई के रूप में काम करेगी.
दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल की वित्तीय हालत सुधारने के लिए 74,000 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव किया है, जबकि इसको बंद करने में 95,000 करोड़ रुपये ख़र्च होने का अनुमान लगाया गया है.