बीते महीने ग्रामीण विकास राज्य मंत्री बच्चूभाई मगनभाई खाबड़ ने बताया था कि गुजरात में कुल 31,61,310 बीपीएल परिवारों की पहचान की गई है. इनमें 16,28,744 परिवार बेहद ग़रीब और 15,32,566 परिवार ग़रीब की श्रेणी में हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में बीपीएल श्रेणी में परिवारों की संख्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ रही है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र सरकार द्वारा भारतीय खाद्य निगम को सीधे राज्य को चावल बेचने की अनुमति पर अचानक रोक लगाने के फैसले को ‘कन्नड’ और ‘ग़रीब’ विरोधी क़रार दिया है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा लोगों को 10 किलो मुफ्त चावल देने के ख़िलाफ़ क्यों हैं? वे ग़रीबों से भोजन क्यों छीनना चाहते हैं?
गुजरात की भाजपा सरकार ने बीते 21 मार्च को गुजरात विधानसभा में उठाए गए कई सवालों के जवाब में ये आंकड़े प्रस्तुत किए हैं. इस दौरान अमरेली ज़िले में सबसे अधिक 425 परिवार बीपीएल सूची में शामिल किए गए हैं.