उत्तरकाशी के निवासियों ने चारधाम सड़क परियोजना के तहत गंगोत्री-धरासू मार्ग के चौड़ीकरण को तैयार सीमा सड़क संगठन पर ग़लत जानकारी के आधार पर वन मंज़ूरी लेने के का आरोप लगाया है और पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखकर दो वन मंज़ूरी प्रस्तावों को तत्काल रद्द करने की मांग की है.
गंगोत्री-धरासू मार्ग भागीरथी इको-सेंसिटिव ज़ोन (BESZ) में आता है. लेकिन सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का कहना है कि पूरे चारधाम परियोजना के लिए पहले ही पर्यावरण प्रभाव आकलन किया जा चुका है, इसलिए पर्यावरण मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं है.
विभिन्न संगठन सीमा सड़क संगठन द्वारा राजधानी ईटानगर से 75 किलोमीटर दूर अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने और इसे असम के हिस्से के रूप में दिखाने पर आपत्ति जता रहे हैं. यह घटना बीते 17 जून को एक कार्यक्रम की है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 किलोमीटर लंबी किमिन-पोतिन सड़क और 11 अन्य ऐसी ही परियोजना का उद्घाटन किया था, तब किमिन को असम में दिखाया गया था.
ऑल अरुणाचल प्रदेश अबो तानी स्टूडेंट्स यूनियन ने 24 जून को दर्ज प्राथमिकी में कहा है कि पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के किमिन-पोटिन हिस्से को असम को सौंपने के लिए सीमा सड़क संगठन के साथ मिलीभगत की. विभिन्न संगठनों ने सीमा सड़क संगठन द्वारा राज्य की राजधानी ईटानगर से 75 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर किमिन का नाम बदलकर बिलगढ़ करने और इसे असम के हिस्से के रूप में दिखाने पर आपत्ति जताई है.