उत्तर प्रदेश के वाराणसी के घाटों पर अत्यधिक मात्रा में शैवाल पाए जाने के बाद से एक बार फिर से बहस तेज़ हो गई है कि आखिर हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च करने के बाद भी गंगा स्वच्छ क्यों नहीं हो पा रही है. सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार द्वारा गंगा पुर्नरुद्धार के नाम पर बनाई गई परियोजनाएं काग़ज़ी दावे बनकर रह गई हैं.
वित्त विधेयक को पारित किए जाने के बाद लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. बजट सत्र 3 अप्रैल को समाप्त होने वाला था.
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की अंशकालिक सदस्य आशिमा गोयल ने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट रिसर्च में कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के करीब तीन घंटे के भाषण में आर्थिक नरमी का एक बार भी जिक्र नहीं होना हैरान करने वाली बात है.
पिछले साल सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक से 1.76 लाख करोड़ रुपये लेने का फ़ैसला किया. इस साल यह एलआईसी से 50,000 करोड़ से ज्यादा ले सकती है. बीपीसीएल, कॉन्कोर जैसे कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को पूरी तरह से बेचा जा सकता है.
सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भी खाद्य सब्सिडी के बजट को कम करके 108688.35 करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें 80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कटौती की गई है.
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण का बजट घटाकर सिर्फ एक लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बजट में करीब 30 फीसदी की कटौती की गई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को करदाताओं को राहत देते हुए कर कानूनों को सरल बनाने के लिए नयी वैकल्पिक व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
कर्मचारी संघों का कहना है कि अगर सरकार अपने इस फैसले पर आगे बढ़ती है तो एलआईसी के विभिन्न कर्मचारी संगठन देशभर में प्रदर्शन करेंगे. इनका आरोप है कि इस क़दम से करोड़ों बीमाधारक प्रभावित होंगे.
लोकपाल को वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे कम करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2019-2020 में सीबीआई को 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में घटाकर 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी.
वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था वैकल्पिक होगी. करदाताओं को विकल्प दिया जाएगा कि वह चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुरानी कर व्यवस्था में रहें या फिर बिना छूट वाले नए कर ढांचे को अपनाएं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश हुए आम बजट को खोखला करार देते हुए शनिवार को कहा कि इसमें कुछ ठोस नहीं था और बेरोज़गारी से निपटने को लेकर कुछ नहीं कहा गया है. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बजट को मौजूदा दौर में अर्थव्यवस्था की सभी चुनौतियों का समाधान देने वाला बताया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट पेश किया. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि 2020-21 के दौरान 10 फीसदी की दर से जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया है.