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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक न्यूज़ रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ अपने पाठ्यक्रम बेचने के लिए बच्चों और उनके माता-पिता को प्रलोभन देती है और फिर उनका शोषण करती है. आयोग ने उन आरोपों के संबंध में कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन को तलब किया है.
ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी बायजूस ने कहा कि कंपनी अगले छह महीनों में पांच प्रतिशत यानी लगभग 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करेगी. इसके अलावा यह भारत और विदेशी कारोबार के लिए 10,000 शिक्षकों को नियुक्त करेगी.
ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ ने कहा है कि उसने अपनी अनुषंगी कंपनियों ‘व्हाइटहैट जूनियर’ और ‘टॉपर’ से 500 से कम कर्मचारियों को निकाला है, जबकि निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि अकेले ‘टॉपर’ से ही 1,100 कर्मचारियों को निकाला जा चुका है. इस साल अनएकेडमी, वेंदातू जैसी एडटेक फर्मो ने कुल मिलाकर हज़ारों लोगों की छंटनी की है.