जामिया हिंसा के एक साल बाद भी एफ़आईआर दर्ज नहीं, अब उम्मीद भी नहींः कुलपति

बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.

किसान आंदोलन: सरकार का ‘टुकड़े-टुकड़े’ राग और सीएए आंदोलन का एक साल

वीडियो: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग' के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आंदोलन ज्यादातर वामपंथियों और माओवादियों के हाथ में चला गया है. इस मुद्दे पर डीयू के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

असम: सीएए के विरोध में कई संगठनों ने फिर से प्रदर्शन किया, क़ानून वापस लेने की मांग

असम में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शनों में पिछले साल 12 दिसंबर को पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसे काला दिवस कहते हुए 18 संगठनों ने क़ानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीएए राज्य के मूल निवासियों की पहचान, भाषा और सांस्कृतिक धरोहर के ख़िलाफ़ है.

पहले सीएए अब किसान आंदोलन को बदनाम कर रही है भाजपा

वीडियो: केंद्र सरकार के विवादित नए कृषि क़ानूनों को लेकर हज़ारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

दिल्ली दंगा: चोट और कोविड-19 के आधार पर दाख़िल इशरत जहां की ज़मानत अर्ज़ी ख़ारिज

कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में इस साल फरवरी में हुए दंगों से जुड़े एक मामले में 26 फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था. उनके ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मद्रास हाईकोर्ट ने सीएए प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ केस ख़ारिज किया, कहा- विरोध शांतिपूर्ण था

मद्रास हाईकोर्ट की पीठ सीएए और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन कर दो व्यक्तियों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने इसे लेकर अपने ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को ख़ारिज करने की मांग की थी.

लखनऊ: सीएए आंदोलन में जेल से रिहा तौफ़ीक़ का परिवार क़ानूनी लड़ाई के कारण क़र्ज़ में डूबा

वीडियो: सीएए आंदोलन के संबंध में जेल भेजे गए अब्दुल तौफ़ीक़ नौ महीने के बाद ज़मानत पर रिहा हुए हैं. उनकी रिहाई का मुक़दमा लड़ने में उनका परिवार क़र्ज़ में डूब गया है. परिवार का कहना है कि कोर्ट से स्टे होने के बावजूद घर की कुर्क़ी के नोटिस आ रहे हैं. तौफ़ीक़ का कहना है बेक़सूर नौजवानों को जेल भेजकर पुलिस उनके भविष्य से खेल रही है.

यूपी: सीएए विरोधी प्रदर्शन का हिस्सा नहीं रहे मुस्लिम नाबालिग को 11 महीने बाद मिली रिहाई

ठाकुरगंज के रहने वाले 16 साल के हुसैन को सीएए विरोधी प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप में 25 दिसंबर 2019 को उनके दोस्त के घर से गिरफ़्तार किया गया था. हुसैन का कहना है कि उन्होंने सीएए विरोधी किसी भी प्रदर्शन में कभी हिस्सा नहीं लिया था.

सीएए विरोधी हिंसा: हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद लखनऊ प्रशासन ने फ़िर लगवाए आरोपियों के पोस्टर

इस साल मार्च महीने में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लखनऊ प्रशासन के इस क़दम पर सख़्त नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए पोस्टर हटाने के आदेश दिए थे. अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाना अनुचित है और यह संबंधित लोगों की व्यक्तिगत आज़ादी में पूरी तरह से दख़लअंदाज़ी है.

बिहार: क्या सीएए को लेकर आमने-सामने आ गए हैं नीतीश कुमार और भाजपा?

बिहार विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण के मतदान से पहले एक चुनावी सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश से बाहर करने की फालतू बातों का दुष्प्रचार किया जा रहा है.

दिल्ली दंगा: यूएपीए के तहत गिरफ़्तार जामिया के छात्र की ज़मानत याचिका ख़ारिज

फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ़ इक़बाल तन्हा को 20 मई को गिरफ़्तार किया गया था. उनकी ज़मानत याचिका रद्द करते हुए स्थानीय अदालत के जज ने कहा कि सीएए के नाम पर हंगामेदार प्रदर्शन दिखाते हैं कि यह देश के ख़िलाफ़ असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से किए गए थे.

खासी छात्र संगठन ने मेघालय में बंगालियों को बांग्लादेशी बताने वाला बैनर लगाया

यह मुद्दा तब गरमाया है जब कुछ लोगों ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखकर इचामाती में स्थानीय लोगों द्वारा बंगालियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था. भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित इस गांव में अधिकांश ग़ैर आदिवासी बंगाली हैं. फरवरी में सीएए को लेकर खासी समूह और ग़ैर आदिवासियों के बीच हुए हिंसक संघर्ष में छात्र संगठन का एक सदस्य मारा गया था. शिलॉन्ग: मेघालय के एक प्रभावशाली छात्र संगठन ने बैनर लगाया है,

‘रिलीजियस नेशनलिज़्म’ देश की विभाजनकारी राजनीति की पड़ताल की एक कोशिश है

पुस्तक समीक्षा: विश्लेषकों की निगाह में भारत अधिनायकवाद के स्याह गर्त में जाता दिख रहा है और विभाजक राजनीति के लगातार वैधता हासिल करने को लेकर चिंता की लकीरें बढ़ रही हैं. प्रख्यात शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता राम पुनियानी की नई किताब इस बहस में एक नया आयाम जोड़ती है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने भारत में एनजीओ पर प्रतिबंध को लेकर चिंता जताई

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट ने भारत में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है. उनकी टिप्पणी पर भारत की ओर से कहा गया है कि मानवाधिकार के नाम पर क़ानून का उल्लंघन माफ़ नहीं किया जा सकता.

1 11 12 13 14 15 43