पूर्वोत्तर विशेष: क्या सीएए का विरोध और सीएम का सांप्रदायिक एजेंडा असम के वोटर्स पर असर डालेगा?

वीडियो: हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली असम की भाजपा सरकार पर लगातार सांप्रदायिकता बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले उनके विभिन्न बयान इसकी तस्दीक करते हैं. उधर, स्थानीय लोग सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद से नाराज़ है और इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. वहां चुनाव में कौन-से मुद्दे प्रभावी रहेंगे, इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

‘असम में कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ रहे हैं क्योंकि सीएम खरीदने और धमकाने की नीति पर चल रहे हैं’

द वायर के साथ साक्षात्कार में असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के एजेंट पार्टी के भीतर हैं, वे इससे वाकिफ़ हैं और वे हिमंता मुक्त कांग्रेस चाहते हैं.

असम: गौहाटी यूनिवर्सिटी कैंपस में सीएए पर हुआ विमर्श हिंसक हुआ, कई छात्र घायल

गौहाटी यूनिवर्सिटी परिसर में एबीवीपी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर आयोजित बहस छात्रों के एक समूह द्वारा विरोध किए जाने के बाद हिंसक हो गई. प्रदर्शनकारी छात्रों ने दावा किया है कि एबीवीपी सदस्य अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे और समाज के कुछ वर्गों को निशाना बना रहे थे.

बाहरी का भय पैदा कर समर्थन पाना राजनीति का सबसे सस्ता तरीक़ा है, आम आदमी पार्टी यही कर रही है

नैतिक राजनीति का एक काम ऐसी सामूहिकता का निर्माण है जो भय पर आधारित न हो. वह लोगों को शामिल करने के विचार पर टिकी हो, अलग और दूर करने के नहीं. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की राजनीतिक भाषा अभी ठीक इसके विपरीत है.

असम और पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज पर सीएए का क्या प्रभाव होगा?

वीडियो: लोकसभा चुनावों से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम अधिसूचित होने के बाद से असम में इसका ख़ासा विरोध हो रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इसे विभाजनकारी बताते हुए लागू न करने की बात कह चुकी है. इसी विषय पर द वायर की ब्यूरो चीफ संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

संयुक्त राष्ट्र, एमनेस्टी इंटरनेशनल और अमेरिका ने सीएए नियमों की आलोचना की, भेदभावपूर्ण बताया

सीएए नियमों की अधिसूचना की संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कड़ी आलोचना की और कहा कि सीएए का अमल समानता और धार्मिक भेदभाव न करने के भारतीय संवैधानिक मूल्यों के लिए एक झटका है.

‘सीएए बराबरी और इंसाफ़ के उसूल के ख़िलाफ़ है’

वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा आम चुनावों से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियम अधिसूचित किए जाने को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

सीएए नियमों पर रोक लगाने की मांग को लेकर आईयूएमएल, डीवाईएफआई सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और माकपा की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सीएए नियमों के अमल पर रोक की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि यह एक ऐसा क़ानून है जो धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पर प्रहार करता है, जो संविधान की मूल संरचना है.

सीएए को लेकर क्या झूठ बोल रही है सरकार; क्या मुस्लिमों को डरने की ज़रूरत है?

वीडियो: केंद्र सरकार द्वारा आम चुनावों से ठीक पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित किए जाने के बारे में बात कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

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