अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आगामी दो दिवसीय भारत दौरे से पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दुनिया अपनी लोकतांत्रिक परंपराओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों का सम्मान बनाए रखने के लिए भारत की ओर देख रही है.
यूपी में दलित और पिछड़ी जातियों के बीच में काम कर रहे सामाजिक न्याय आंदोलन की पृष्ठभूमि वाले जातीय समूहों में बिखराव इतना बढ़ गया है कि हर दलित जाति के अपने संगठन बन चुके हैं या प्रक्रिया में हैं. दलित व पिछड़े वर्ग के आधार पर खड़ी मानी जाने वाली बसपा व सपा सरकारों ने भी बीते सालों में अपने जातीय समर्थन समूहों को निराश ही किया है.
दिल्ली पुलिस ने बुधवार को जामिया के दस छात्रों को नोटिस देकर उनसे 15 दिसंबर को परिसर में हुई हिंसा के मामले में पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के लिए उन छात्रों का बुलाया जा रहा है जो हिंसा के दौरान घायल हुए थे.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर नज़र रखने वाली एजेंसी यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम ने नागरिकता क़ानून को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट में हिंदू राष्ट्र बनाने को लेकर भाजपा के कई नेताओं के बयानों को लेकर गंभीर चिंता जताई है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि न तो मेरा और न ही मेरी पार्टी का इस महिला से कोई संबंध है. जब तक हम जिंदा हैं, हम भारत जिंदाबाद कहते रहेंगे.
वीडियोः बीते दो से अधिक महीनों से नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में शाहीन बाग में धरना दे रहीं महिलाएं अपना घर-बार कैसे संभाल रहीं हैं और शाहीन बाग से प्रदर्शन स्थल को कहीं और शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर ये महिलाएं क्या सोचती हैं। इन्हीं मुद्दों पर रीतू तोमर की इन महिलाओं से बातचीत।
वीडियो: 15 दिसंबर को जामिया परिसर में हुई हिंसा के बारे में 16 फरवरी को सामने आए एक सीसीटीवी फुटेज के बाद इस घटना से जुड़े कई वीडियो सामने आए हैं. इनके बारे में जामिया के छात्रों, शिक्षकों और प्रशासन से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ बैठी महिलाओं का कहना है कि मज़हबी होने का मतलब कट्टरता नहीं बल्कि भाईचारा है. हम हर मज़हब और उसके मानने वालों की इज्ज़त करते हैं. सब अपने-अपने दस्तूर मानें और माननें दें.
उत्तर प्रदेश प्रशासन का दावा है कि 19 दिसंबर 2019 को लखनऊ के हजरतगंज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. हालांकि इस दिन कई कार्यकर्ता नजरबंद थे.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बयान विधानसभा में विपक्ष के उन आरोपों के जवाब में दिया, जिनमें कहा गया था कि सीएए विरोधी हिंसा में मारे गए सभी लोग पुलिस की गोली से ही मारे गए हैं. आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि जो मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं.
वीडियो: मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा से संबंधित सामने आए वीडियो फुटेज के बारे में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी वीएन राय, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और जामिया के शोधार्थी राहुल कपूर से चर्चा कर रहे हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को कैंपस के अंदर दिल्ली पुलिस की बर्बर कार्रवाई के दौरान 2.66 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था, जिसमें 4.75 लाख रुपये के 25 सीसीटीवी कैमरों के नुकसान को भी शामिल किया गया है.
बीते दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल में नागरिकता क़ानून और एनआरसी के विरोध में इकठ्ठा हुए आदिवासियों ने कहा कि जिस जंगल में उनके पुरखों के अंश गड़े है, वे उस जगह पर अपने हक़ का इससे बड़ा और क्या सबूत दे सकते हैं.
दिल्ली पुलिस ने जामिया-न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बीते 15 दिसंबर को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को अदालत में आरोपपत्र दाखिल कर दिया. पुलिस ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड्स और 100 से अधिक गवाहों के बयान बतौर प्रमाण संलग्न किए गए हैं.
ये फुटेज दिल्ली पुलिस की विशेष जांच दल द्वारा चैनल को दिया गया था. वीडियो के कई फ्रेम में साफ दिखाई दे रहा है कि छात्र के हाथ में पत्थर नहीं, पर्स है.