असम में नागरिकता क़ानून को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई को यूएपीए के तहत मामला दर्ज 12 दिसंबर को गिरफ़्तार किया गया था. असम की एक अदालत ने उन्हें 17 दिसंबर को 10 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया था.
अगर नागरिकता संशोधन क़ानून दूसरे देशों के मुसलमानों के साथ भेदभाव करता है, तो एनआरसी भारत के मौजूदा नागरिकों के प्रति शत्रुतापूर्ण है, जिसके कारण यह कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है.
आईआईटी मद्रास से फिजिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहे जर्मन छात्र जैकब लिंडेनथल ने कहा है कि वे नागरिकता क़ानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ कैंपस में हुए एक प्रदर्शन में शामिल हुए थे, जिसके बाद उन्हें चेन्नई में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय से भारत छोड़ने के निर्देश मिले.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों की आज चेन्नई में हो रही महारैली पर रोक लगाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने पुलिस को रैली का वीडियो बनाने का आदेश दिया है.
गायक और सामाजिक कार्यकर्ता ज़ुबिन गर्ग ने कहा कि असम का यह सामाजिक-सांस्कृतिक सौहार्द कुछ ऐसा है, जिसे भाजपा पसंद नहीं करती, इसलिए नागरिकता संशोधन क़ानून के ज़रिये वे राज्य को हिंदू-मुस्लिम और असमिया-बंगाली के बीच बांटना चाहते हैं.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने सीएए और एनआरसी को भारत का आंतरिक मुद्दा बताते हुए कहा कि हमारा डर है कि अगर भारत में अनिश्चितता की कोई स्थिति होती है तो इसका असर उसके पड़ोसियों पर भी पड़ सकता है.
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध को लेकर देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा कि मेरे विरोधी अगर मुझसे नफरत करते हैं तो उन्हें मेरा पुतला जलाना चाहिए लेकिन उन्हें गरीबों को निशाना नहीं बनाना चाहिए. मुझे निशाना बना लें लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को आग न लगाएं.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून केवल मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए चिंता का विषय है. ये लड़ाई सिर्फ मुस्लिमों की नहीं है बल्कि दलित, एससी, एसटी की भी है और कानून के खिलाफ लगातार संघर्ष करना होगा.
ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख सलाहकार समज्जुल भट्टाचार्य ने विवादित नागरिकता कानून के खिलाफ महिला रैली को संबोधित करते हुए दावा किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम के लोगों को विशिष्ट फार्मूले से मूल लोगों को बचाने और साथ ही बांग्लादेशियों को सीएए के जरिए बसाने की नीति से धोखा दे रहे हैं.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 11 दिसंबर को जारी पहले परामर्श की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने सरकार से इसे वापस लेने का अनुरोध किया था. दूसरा परामर्श जारी होने बाद तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह सूचना पहुंचाने वाले को ही सजा देना है.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गुरुवार शाम से मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश दिया था उसके बाद शुक्रवार सुबह से वहां इंटरनेट सेवाओं को बहाल कर दिया गया. वहीं, शुक्रवार शाम से मेघालय में भी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई.
कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी एनआरसी का विरोध कर चुके हैं. वहीं, भाजपा की एक और सहयोगी रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा ने कहा कि देशभर में हो रहे प्रदर्शन बताते हैं कि केंद्र सरकार समाज के एक बड़े वर्ग के बीच भ्रम को दूर करने में नाकाम रही है.
अलीगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि 15 दिसंबर की रात हुई हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने देसी पिस्तौल से पुलिस पर फायरिंग की थी. एफआईआर में अलीगढ़ छात्रसंघ के अध्यक्ष का नाम भी शामिल है.
नए नागरिकता कानून के खिलाफ लखनऊ में गुरुवार को हिंसा भड़क उठी थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा 16 पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम के विभिन्न ज़िलों में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद वहां मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं. प्रदर्शनों के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी.