बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच द्वारा माओवादियों से संबंध रखने संबंधी मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और अन्य को 14 अक्टूबर को बरी कर दिया गया था, लेकिन अगले ही दिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी थी.
दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर में पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की रिहाई की मांग को लेकर करीब 36 संगठनों के संयुक्त मोर्चे 'कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन' के बैनर तले प्रदर्शन किया जा रहा था. आरोप है कि इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी-डंडों आदि से हमला कर दिया.