घटना दंतेवाड़ा ज़िले के एक सरकारी अस्पताल की है. जिन 13 लोगों की आंखों में संक्रमण हुआ है, उनकी 18 से 22 अक्टूबर के बीच मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी. बताया गया है कि मरीज़ों की हालत स्थिर है, पर यह कहना मुश्किल है कि उनकी दृष्टि बच सकेगी या नहीं.
एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हेनी बाबू के वकील युग चौधरी ने बताया कि पीठ ने निर्देश दिया है कि उनके मुवक्किल को मोतियाबिंद का ऑपरेशन और चिकित्सकीय जांच के लिए 20 दिसंबर को अस्पताल ले जाया जाए और 24 दिसंबर को वापस जेल ले आया जाए.
एल्गार परिषद मामले के आरोपियों में से एक 83 वर्षीय वरवरा राव ने विशेष एनआईए अदालत से मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए हैदराबाद जाने देने की अनुमति मांगी थी. अगस्त में उन्हें मिली स्थायी ज़मानत की शर्तों के अनुसार, वे कोर्ट की इजाज़त के बिना मुंबई से बाहर नहीं जा सकते हैं.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 22 नवंबर को 65 लोगों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया था, जिसके बाद कई लोगों की दृष्टि चली गई थी या संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आंखे निकालनी पड़ी. माइक्रोबायोलॉजिकल टेस्ट के लिए भेजे गए नमूनों से पुष्टि हुई है कि ऑपरेशन थियेटर संक्रमित था.
मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले का मामला. जिले में 22 नवंबर को आयोजित एक मेडिकल कैंप में मोतियाबिंद के शिकार 65 लोगों की आंखों का ऑपरेशन किया गया था. सर्जरी के बाद कई मरीज़ों ने आंखों में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद डॉक्टर की सलाह पर कई लोगों को अपनी आंखें निकलवानी पड़ी.