सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला कर अधिकारी अल्का त्यागी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, प्रधानमंत्री कार्यालय, सीवीसी और कैबिनेट सचिव को बीते जून में पत्र लिखा था. हालांकि, शिकायत के दो महीने बाद सरकार ने सीबीडीटी चेयरमैन का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया जबकि अल्का त्यागी का नागपुर ट्रांसफर कर दिया.
मोदी का प्रचार करने वाले उन्हें 'चौकीदार' कहने वाले अभियान के सहारे उनकी छवि बदलना चाहते हैं. हालांकि उनकी भ्रष्टाचार-विरोधी साख की सच्चाई का पता उनके कार्यालय और सरकार द्वारा बड़े उद्योगपतियों के कथित आपराधिक भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न करने से लगाया जा सकता है.
1887 में ब्रिटिश राज द्वारा बनाए गए इंटेलीजेंस ब्यूरो को भारतीय क़ानून के तहत कोई अधिकार प्राप्त नहीं है. इसे आधिकारिक रूप से 'एक नागरिक संगठन बताया जाता है, जिसके पास पुलिस जैसी शक्तियां नहीं हैं.'
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई छह हफ्ते बाद की जाएगी. उसी समय इस याचिका पर विचार किया जाएगा कि क्या गृह मंत्रालय के इस आदेश पर रोक लगाया जा सकता है या नहीं.
बीते 20 दिसंबर को गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिल्ली पुलिस कमिश्नर, सीबीडीटी, डीआरआई, ईडी, रॉ, एनआई जैसी 10 एजेंसियों को देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की निगरानी करने का अधिकार दिया.
विशेष रिपोर्ट: इस साल चुनाव आयोग में भारतीय जनता पार्टी की ओर दाख़िल की गई अनुदान रिपोर्ट सवालों के घेरे में है.
दुनिया भर में चीन के बाद भारत दूसरे नंबर है, जिसके अरबपति नागरिकता छोड़ देते हैं. 2015 और 2017 के बीच 17,000 अति अमीर भारतीयों ने प्यारे भारत का त्याग कर दिया.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्टोरल ट्रस्ट द्वारा दिए गए कुल चंदे में से 92.30 प्रतिशत यानी 588.44 करोड़ रुपये पांच राष्ट्रीय दलों की जेब में गए हैं. वहीं क्षेत्रीय दलों के खाते में सिर्फ 7.70 प्रतिशत या 49.09 करोड़ रुपये की राशि गई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नेताओं की आय का स्रोत जनता को पता होना चाहिए.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, सात सांसदों और 98 विधायकों की संपत्ति में अत्यधिक इजाफा हुआ है.