सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा जारी एक प्रोफार्मा प्रमाण-पत्र के आधार पर यौनकर्मियों को आधार कार्ड जारी किए जाने का निर्देश दिया और कहा कि यौनकर्मियों की गोपनीयता भंग नहीं होनी चाहिए और उनकी पहचान उजागर नहीं की जानी चाहिए.
वीडियो: भारत द्वारा कीमतों को नियंत्रण में रखने के प्रयास में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद वैश्विक स्तर पर गेहूं की कीमतें 14 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गईं. सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनज़र निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है.
सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण गेहूं की वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान के मद्देनज़र निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. दोनों देश गेहूं के प्रमुख निर्यातक रहे हैं. कांग्रेस ने इस क़दम को ‘किसान विरोधी’ क़रार देते हुए कहा कि सरकार ने गेहूं की पर्याप्त खरीद नहीं की जिसके कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की गई और ऐसा प्रतीत होता है कि पुनर्वास के संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रगति हुई है. केवल 500 परिवारों को अभी तक ज़मीन नहीं मिली है और उन सभी को 20 मई तक प्लॉट दिए जाएंगे.
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों ने केवल दिल्ली में अपना धरना समाप्त किया है, लेकिन तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उनका आंदोलन अभी भी जीवित है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में जिस रफ़्तार से बेरोज़गारी और महंगाई बढ़ रही है उससे देश में संकट खड़ा होने वाला है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर, 2020 में शिपिंग कॉरपोरेशन के रणनीतिक विनिवेश या निजीकरण को सैद्धांतिक मंज़ूरी दी थी. शिपिंग कॉरपोरेशन का निजीकरण अब चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है. सरकार ने 2022-23 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.
केंद्र सरकार ने जून में समाप्त होने वाले फसल वर्ष 2021-22 के लिए गेहूं उत्पादन के अनुमान को 5.7 प्रतिशत घटाकर 10.5 करोड़ टन कर दिया है. पहले गेहूं उत्पादन 11 करोड़ 13.2 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया था. अनुमान में गिरावट का कारण गर्मी की जल्द शुरुआत होने की वजह से फसल उत्पादकता प्रभावित होना है.
गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के बाद उत्तराखंड ऐसा पांचवां भाजपा शासित राज्य है, जिसने हिंदू धर्मग्रंथों को शामिल करने के लिए अपना स्कूली पाठ्यक्रम संशोधित करने की बात कही है.
जी-23 के बैनर तले असंतुष्ट खेमे के पुराने वफ़ादार नेताओं के साथ सोनिया गांधी से संवाद की कड़ियां भले ही जुड़ गई हों पर लाख टके का सवाल यह है कि बीच का रास्ता निकालने के फार्मूलों से क्या कांग्रेस के अस्तित्व को लेकर पैदा हुआ संकट टल सकेगा.
केंद्र सरकार ने पहली बार छात्रों को एक ही विश्वविद्यालय या अलग-अलग संस्थानों से समान स्तर के दो पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से पढ़ाई करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. हालांकि कई शिक्षाविदों ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता कमतर हो सकती है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे पत्र में ब्रू विस्थापित युवा संघ ने पुनर्वास प्रक्रिया को पूरा करने में देरी के लिए त्रिपुरा की बिप्लब देव सरकार के लापरवाही भरे रवैये को ज़िम्मेदार ठहराया है.
अगर शिक्षा को हम ‘मन की किवाड़ों के खुलने’, सृजनात्मकता को नई उड़ान देने की प्रक्रिया के तौर पर देखें तो धर्म उसकी बिल्कुल विपरीत प्रक्रिया की मिसाल के तौर पर सामने आता है, जहां स्वतंत्र विचार को नकारने पर ही ज़ोर रहता है. और जब आप किसी पाठ्यक्रम में धार्मिक ग्रंथ का पढ़ना अनिवार्य कर देते हैं, तब एक तरह से शिक्षा के बुनियादी उद्देश्य को ही नकारते हैं.
भारत में अनुमानित 15 से 20 लाख बच्चों के सड़कों पर रहने को लेकर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि कुछ राज्य सरकारों के उदासीन रवैये की वजह से उनकी पहचान कर पुनर्वास करना करना मुश्किल हो रहा है. इसके बावजूद वेब पोर्टल के ज़रिये क़रीब बीस हज़ार ऐसे बच्चों की पहचान की गई और उनका पुनर्वास किया जा रहा है.
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार को संबोधित करने के लिए ‘केंद्र (Centre)’ के बजाय ‘भारत संघ (Union of India)’ कहना अधिक पसंद करेगी. हालांकि कार्मिक मंत्रालय ने इस पर असहमति जताई है.
लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है. यही नहीं, मिड-डे मील से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं.