सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि बढ़ते मामलों की वजह केवल न्यायाधीशों की कमी नहीं है बल्कि इससे निपटने के लिए बुनियादी सुविधाओं की भी ज़रूरत है. ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराए बिना यह आशा करना कि जज और वकील कोर्ट की जर्जर इमारत में बैठक कर न्याय देंगे, उचित नहीं है.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में बताया कि पिछले पांच साल के दौरान विदेशी खातों में काले धन की राशि के संबंध में कोई औपचारिक आकलन नहीं है. हालांकि, सरकार ने विदेशों में जमा काले धन के खिलाफ अनेक कदम उठाएं हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम मिले हैं.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान पिछले साल अप्रैल से इस साल सात दिसंबर तक 9,800 से अधिक बच्चे अनाथ हो गए, 508 बच्चों को छोड़ दिया गया और 1.32 लाख से अधिक बच्चों ने अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया.
इसके उलट इस साल पांच फरवरी को राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत किसानों की मौत के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो व्यक्तियों की मौत और एक के आत्महत्या करने की जानकारी दी है.
केंद्र सरकार के तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बीते साल नवंबर महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा को केंद्र सरकार द्वारा हस्ताक्षरित पत्र मिलने के बाद यह घोषणा हुई है, जिसमें किसानों के ख़िलाफ़ मामलों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर एक समिति बनाने सहित उनकी लंबित मांगों पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की गई है.
मीडिया कंपनियों के एक 13-सदस्यीय समूह डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट का ये आदेश आया है. इससे पहले सितंबर महीने में हाईकोर्ट ने आईटी नियम, 2021 के एक प्रमुख प्रावधान के पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए केंद्र द्वारा एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पत्रकारों पर हमले के संदर्भ में विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता. गृह मंत्रालय ने मीडियाकर्मियों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से क़ानून का कड़ाई से क्रियान्वयन करने के लिए 2017 में राज्य सरकारों को एक परामर्श जारी किया गया था.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा सीपीडब्ल्यूडी को दो अलग-अलग नोटिस जारी कर पूछा गया है कि किस आधार पर और किसके आदेशानुसार यह कार्य जारी है. राय ने कहा कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार को 24 घंटों के अंदर वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के सुझाव देने का निर्देश देते हुए आगाह किया कि यदि प्राधिकारी प्रदूषण को काबू करने में असफल रहते हैं, तो उसे असाधारण कदम उठाना पड़ेगा.
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का आंदोलन पिछले साल 26-27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ था. इन क़ानूनों को सरकार ने वैसे तो वापस ले लिया है, लेकिन किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.
वीडियो: द वायर ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने के बाद मुख्यधारा के मीडिया के यू-टर्न पर दिल्ली की टिकरी सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों से बात की. किसानों का कहना है कि जिस मीडिया ने उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी, देशद्रोही कहा, उन्हें उनका सामना करना पड़ेगा.
वीडियो: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते हुई संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अभी भी कई मुद्दे हैं, जिनके समाधान के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा.
वीडियो: किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि जब तक एमएसपी क़ानून पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता तब तक किसानों की मांगें पूरा नहीं हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने हैरानी जताई कि नौकरशाह क्या कर रहे हैं. मुख्य सचिव जैसे अधिकारियों को किसानों, विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के पास जाकर उनसे मुलाकात करनी चाहिए. अदालत ने कहा कि प्रदूषण पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एक वैज्ञानिक अध्ययन कराना होगा और स्थिति को भांपते हुए एहतियातन कार्रवाई करनी होगी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को बुधवार को मंज़ूरी दे दी, जिसे 29 नवंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान लोकसभा में पारित करने के लिए पेश किया जाएगा. किसान नेताओं ने इसे ‘औपचारिकता’ क़रार देते हुए अन्य मांगों, विशेषकर कृषि उपजों के लिए एमएसपी की क़ानूनी गारंटी को पूरा करने की मांग की है.