इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि पिछले साल कोविड-19 पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों की मौत के बारे में सरकार को कोई जानकारी नहीं है.
वीडियो: किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे होने और इसे आगे ले जाने की रणनीति पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से विशाल जायसवाल की बातचीत.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि एक अगस्त 2019 के बाद से कई अलगाववादियों, पथराव करने वालों समेत 627 लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से 454 लोगों को रिहा किया जा चुका है. जन सुरक्षा क़ानून के तहत कोई भी व्यक्ति नज़रबंद नहीं है.
फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा कि 1990 के शुरुआती वर्षों में बैंकिंग को कमज़ोर गुणवत्ता के कर्ज़ देने की समस्या से जूझना पड़ा. ख़ासतौर पर बड़ी राशि के कर्ज़ गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना पूंजीवादी मित्रों को दिए गए, जिससे समस्या बढ़ गई.
दो कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा में कहा कि अब तक हरियाणा से मृत प्रदर्शनकारियों के परिजनों को नौकरी और वित्तीय सहायता देने के लिए राज्य सरकार के विचारार्थ कोई प्रस्ताव नहीं है.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध हुए विरोध प्रदर्शनों में शामिल सफ़ूरा ज़रगर को यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर गिरफ़्तार किया गया था. ये गिरफ़्तारी उस वक़्त हुई थी जब वह गर्भवती थीं. इसे लेकर उनकी गिरफ़्तार पर सवाल खड़े हुए. सफ़ूरा ज़रगर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
एक्सक्लूसिव: साल 2018 में कैग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि 2013-14 से 2015-16 के बीच एफसीआई ने हरियाणा के कैथल में अडानी समूह के गोदाम में इसकी क्षमता के अनुसार गेहूं नहीं रखा और खाली जगह का किराया भरते रहे. मोदी सरकार अब इस रिपोर्ट से यह बात हटवाने का प्रयास कर रही है.
वीडियो: जितेंद्र यादव ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों के लिए लंगर चला रहे है. उन्होंने द वायर से आंदोलन की शुरुआत के साथ अब तक अपने अनुभव को साझा किया.
पुलिस ने बताया कि किसान द्वारा कथित तौर पर छोड़े गए सुसाइड नोट में उनके द्वारा उठाए गए इस क़दम के लिए तीन कृषि क़ानूनों को जिम्मेदार ठहराया गया है. उन्होंने इसमें यह भी कहा है कि केंद्र को इन क़ानूनों को निरस्त करके उनकी आख़िरी इच्छा पूरी करनी चाहिए.
पिछले साल मार्च में दिल्ली का निज़ामुद्दीन मरकज़ कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था. तबलीग़ी जमात के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले कई लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 31 मार्च, 2020 से ही यह बंद है.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि किसानों के हितों को दरकिनार कर इन क़ानूनों को लागू होने नहीं दिया जा सकता. उन्होंने सवाल उठाया कि जब कॉरपोरेट्स साथ किए गए समझौते से संबंधित किसी विवाद पर किसानों को दीवानी अदालतों के आने से रोका जाता है तो किसे फायदा होगा?
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन के 100 दिन पूरा होने पर खिल भारतीय किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि अगर सरकार तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती है तो पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में इसका असर देखने को मिलेगा.
नगालैंड के राज्यपाल और नगा शांति वार्ता के मध्यस्थ आरएन रवि ने फरवरी में विधानसभा में कहा कि नगा राजनीतिक मुद्दे पर बातचीत ख़त्म हो चुकी है और अब अंतिम समाधान की ओर बढ़ने की ज़रूरत है. नगा समूह ने वार्ता पूरी होने से इनकार करते हुए कहा है कि मध्यस्थ के रूप में रवि की भूमिका निराशाजनक है.
संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को कवर करने वाले पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई और सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के प्रयासों की आलोचना की. इस पर भारत ने कहा कि उनमें निष्पक्षता और निष्पक्षता की कमी थी.
विवादित कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग को लेकर हज़ारों किसान क़रीब तीन महीने से दिल्ली की सीमाओं के साथ अन्य जगहों पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे.