केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर 26 जनवरी को किसान संगठनों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इसके बाद सैकड़ों लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
वीडियो: किसान आंदोलन अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है, देश के तमाम हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आ रही हैं जो इस बात की तस्दीक़ कर रही हैं. सारे किसान एकजुट हो गए हैं और उन्होंने ये फैसला कर लिया है कि जब तक तीनो कृषि क़ानून वापस नहीं होंगे तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
वीडियो: पश्चिमी उत्तर प्रदेश अब किसान आंदोलन का केंद्र बनता जा रहा है. इसकी वजह कमज़ोर पड़ती ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी है, जिसकी स्वायत्तता को केंद्र के तीन नए कृषि क़ानूनों द्वारा छीनने की कोशिश की जा रही है.
वीडियो: किसान आंदोलन पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काफ़ी मज़बूत हो गया है. इस इलाके में जाट और मुस्लिम किसान एक हो गए हैं. मुज़फ़्फ़रनगर में भाजपा के ख़िलाफ़ किसानों के अंदर ग़ुस्सा देखा जा सकता है. वहां के पूरे राजनीतिक समीकरण बदल चुके हैं.
75 वर्षीय किसान जोरावर सिंह पंजाब में पिछले साल एक अक्टूबर से शुरू हुए रेल रोको अभियान के बाद से ही किसान आंदोलन से जुड़े हुए थे. नवंबर से वह दिल्ली आ गए थे. जोरावर भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के सदस्य थे और प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए लोगों को इकट्ठा करते थे.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले क़रीब तीन महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व सामूहिक निकाय ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से कहा गया है कि वह पुलिस के इस क़दम का विरोध करता है, क्योंकि किसान अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोर्चा ने किसानों से शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन जारी रखने की अपील की.
राष्ट्रीय किसान मज़दूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि देश में ज़्यादातर किसान लघु या सीमांत हैं. वे दिल्ली जाकर प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसे में वे अपने गांवों में रहकर खेतों और मवेशियों की देखभाल करते हुए प्रदर्शन में शामिल हो सकते हैं.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, अधिकतर मौतें दिल का दौरा पड़ने, ठंड की वजह से बीमारी और दुर्घटनाओं से हुई हैं. ये आंकड़े 26 नवंबर 2020 से इस साल 20 फरवरी के बीच इकट्ठा किए गए हैं.
किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 23 फरवरी को ‘पगड़ी संभाल दिवस’ और 24 फरवरी को ‘दमन विरोधी दिवस’ मनाया जाएगा. इस दौरान इस बात पर जोर दिया जाएगा कि किसानों का सम्मान किया जाए और उनके ख़िलाफ़ कोई दमनकारी कार्रवाई न की जाए.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2020 में पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं में काफी कमी आई है. इसके अलावा इसी महीने में जियो एकमात्र ऐसी बड़ी कंपनी रही, जिसके उपभोक्ता कम हुए हैं.
बीते दो महीनों- दिसंबर और जनवरी में मनरेगा के तहत नौकरी करने वाले परिवारों की संख्या उतनी ही रही, जितनी की पिछले साल अगस्त और सितंबर में थी, जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी.
दिल्ली की एक अदालत ने फेसबुक पर किसान आंदोलन से जुड़ा कथित फ़र्ज़ी वीडियो डालने के एक मामले की सुनवाई में कहा कि शांति-व्यवस्था क़ायम रखने के लिए सरकार के पास राजद्रोह क़ानून एक शक्तिशाली औजार है पर इसे उपद्रवियों को क़ाबू करने के बहाने असंतुष्टों को चुप कराने के लिए लागू नहीं किया जा सकता.
सरकार ने निजीकरण के लिए जिन चार बैंकों का चयन किया गया है वे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश की जेलों में बंद 41.55 फीसदी क़ैदियों ने दसवीं कक्षा से कम तक ही पढ़ाई की है. 6.31 फीसदी क़ैदी ग्रेजुएट और 1.68 प्रतिशत पोस्ट-ग्रेजुएट हैं.
कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्यसभा में बताया कि सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच उनके मंत्रालय द्वारा कृषि क़ानूनों से संबंधित मुद्दों पर विज्ञापन जारी करने के लिए 7,25,57,246 रुपये का भुगतान किया गया है.