मणिपुर में फिर हिंसा, चौकी पर हुए विस्फोट में सीआरपीएफ के दो जवान शहीद

पुलिस ने बताया कि घटना मेईतेई बहुल बिष्णुपुर ज़िले के नारायणसेना गांव में हुई, जहां बंदूकधारियों ने गोलीबारी की. इसके अलावा उपद्रवियों ने बम फेंका, जो सीआरपीएफ चौकी के अंदर गिरकर फटा. इस विस्फोट में दो जवान मारे गए और दो अन्य घायल हुए हैं.

जम्मू कश्मीर और लद्दाख में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को गिरफ़्तारी से सुरक्षा दी गई

सीआरपीएफ के आधिकारिक पत्राचार के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए भी सीआरपीसी 1973 की धारा 45 लागू करने के लिए गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंज़ूरी मिल गई है. इस धारा के तहत जवानों को केंद्र सरकार की सहमति लिए बिना गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता.

पुलवामा हमला: सीआरपीएफ जांच में ख़ुफ़िया तंत्र की विफलता और लंबे क़ाफ़िले को कारण माना गया था

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने द वायर को दिए एक इंटरव्यू में वर्ष 2019 में सीआरपीएफ के क़ाफ़िले पर हुए आतंकी हमले के लिए ख़ुफ़िया तंत्र की विफलता की ओर भी इशारा किया है. इस संबंध में सीआरपीएफ द्वारा कराई गई एक आंतरिक जांच भी कुछ ऐसा ही इशारा करती है.

कश्मीर: सीआरपीएफ बेस के लिए ज़मीन देने के ख़िलाफ़ औखू के किसान, कहा-ख़त्म हो जाएगी आजीविका

बीते अक्टूबर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में प्रशासनिक परिषद ने दक्षिण कश्मीर के तीन ज़िलों- अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा में सीआरपीएफ बेस के लिए ज़मीनें देने को मंज़ूरी दी थी. इसमें से एक औखू गांव भी है. यहां के किसानों का कहना है कि वे बेहद ग़रीब हैं और अगर उनकी ज़मीनें भी ले ली गईं, तो उनके पास कुछ नहीं बचेगा.