जम्मू कश्मीर और लद्दाख में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को गिरफ़्तारी से सुरक्षा दी गई

सीआरपीएफ के आधिकारिक पत्राचार के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए भी सीआरपीसी 1973 की धारा 45 लागू करने के लिए गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंज़ूरी मिल गई है. इस धारा के तहत जवानों को केंद्र सरकार की सहमति लिए बिना गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता.

Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू-कश्मीर (फाइल फोटो: पीटीआई)

सीआरपीएफ के आधिकारिक पत्राचार के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए भी सीआरपीसी 1973 की धारा 45 लागू करने के लिए गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंज़ूरी मिल गई है. इस धारा के तहत जवानों को केंद्र सरकार की सहमति लिए बिना गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता.

Jammu: CRPF personnel stand guard during restrictions, at Raghunath Bazar in Jammu, Monday, Aug 05, 2019. Restrictions and night curfews were imposed in several districts of Jammu and Kashmir as the Valley remained on edge with authorities stepping up security deployment. (PTI Photo)(PTI8_5_2019_000091B)
जम्मू कश्मीर (प्रतीकात्मक पोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय सशस्त्र बलों और केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में तैनात सभी ‘भारत संघ के सशस्त्र बलों’ के कर्मियों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 45 के तहत गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करने की मंजूरी प्रदान की है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी इकाई (यूनिट) से एक आधिकारिक पत्राचार में कहा, ‘पहले यह जम्मू कश्मीर राज्य में लागू नहीं था क्योंकि वहां रणबीर दंड संहिता, 1989 लागू थी. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए भी सीआरपीसी 1973 की धारा 45 लागू करने पर निर्देश जारी करने के लिए कानून विभाग द्वारा गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था.’

उन्होंने आगे कहा, ‘अब, गृह मंत्रालय जम्मू कश्मीर सरकार और केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श करके हमारे प्रस्ताव पर सहमत हो गया है और सीआरपीसी की धारा 45 के तहत प्रदत्त सुरक्षा को केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में तैनात सभी बलों के कर्मियों के लिए भी बढ़ाने को मंजूरी दे दी है.’

एक अधिकारी ने कहा कि कर्मियों के खिलाफ अभी भी कानूनी मामले दर्ज किए जा सकते हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए जांच अधिकारियों को और अधिक कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा. इससे पहले सुरक्षा केवल सशस्त्र बलों को प्राप्त थी, लेकिन अब यह जम्मू कश्मीर और लद्दाख में तैनात सभी बलों पर लागू होगी.

सीआरपीसी की धारा 45 के अनुसार, ‘धारा 41 से 44 (दोनों समावेशी) के तहत कोई घटना होने के बावजूद संघ के सशस्त्र बलों के किसी भी सदस्य को उसके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में उसके द्वारा किए गए या कथित तौर पर उसके द्वारा अंजाम दिया बताए गए कार्य के लिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, इसके लिए केंद्र सरकार की सहमति प्राप्त करनी होगी.

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