गर्मी का संकट सरकार की बेरुख़ी से बढ़ जाता है. शेल्टर होम बहुत कम हैं, बहुत जर्जर स्थिति में हैं. मसलन, दिल्ली गेट के शेल्टर होम की क्षमता 150 बताई जाती है, लेकिन बिल्डिंग का एरिया 3229.28 स्क्वायर फीट है, जिसमें मात्र 65 लोग आ सकते हैं.
दिल्ली के निगम बोध घाट पर अब तक इस महीने 1,101 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है. कोविड महामारी के दौरान जून 2021 में यह संख्या 1,210 रही थी. अनुमान है कि मौतों में हुई अचानक वृद्धि हीटवेव से संबंधित है.
एनजीओ सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट ने यह दावा किया है कि एक जनवरी से 19 जनवरी तक दिल्ली में ठंड के कारण 106 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर बेघर थे. अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि ठंड की वजह से ये मौतें हुई हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे बेघरों की मौत का आंकड़ा सर्दियों के मौसम में बढ़ जाता है.