मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि साफ-सुथरा चुनाव कराना हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती बन गया है, खासकर तब जब धन का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा रहा हो.
मौजूदा व्यवस्था में ग़लत हलफ़नामा देने वाले उम्मीदवार के ख़िलाफ़ आपराधिक क़ानून के तहत धोखाधड़ी का ही मामला दर्ज होता है.
किसी दल विशेष के पक्ष में चुनाव परिणाम नहीं आने पर इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की प्रवृत्ति के बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने दलील दी कि ईवीएम महज़ एक मशीन है. इसमें ख़ास प्रोग्रामिंग कर विशेष परिणाम हासिल करने की संभावना को मैं पूरी तरह से नकार सकता हूं.
चुनाव आयोग द्वारा मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव के दौरान कालेधन की व्यापक पैमाने पर धरपकड़ हुई है. अवैध रकम के अलावा शराब, मादक द्रव्य और कीमती जेवरात बरामद किए गए हैं.
ओपी रावत ने कहा कि चुनावों के दौरान भारी मात्रा में पैसे पकड़े गए हैं. मौजूदा समय में, पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में लगभग 200 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं.
सुनील अरोड़ा आईएएस के 1980 बैच के राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. बतौर केंद्रीय चुनाव आयुक्त अरोड़ा की नियुक्ति 31 अगस्त 2017 को हुई थी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि चुनाव में पैसे के दुरुपयोग को रोकने के लिए आयोग राज्य से वित्तीय सहायता (स्टेट फंडिंग) से चुनाव लड़ने जैसे उपयों पर विचार कर रहा है.
मोदी सरकार एक चीज़ की मास्टर है. वह समय-समय पर थीम और थ्योरी ठेलते रहती है. कुछ थीम मार्केट में आकर ग़ायब हो जाते हैं और कुछ चलते रहते हैं. जैसे मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया का थीम ग़ायब है.
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में निर्धारित विधानसभा चुनावों को टाला जा सकता है और उन्हें अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव के साथ कराया जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि अगर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को समय से पहले दिसंबर में कराया जाता है, तो उसी समय चार विधानसभा चुनाव भी साथ में कराने में चुनाव आयोग सक्षम है.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत का कहना है कि एक साथ चुनाव कराने के लिए सभी राजनीतिक दलों में सहमति होना ज़रूरी है. वहीं, एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में भाजपा की दलील है कि देश हमेशा चुनावी मोड में नहीं रह सकता.
मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत पर साल 2009 में आदिम जाति कल्याण विभाग का प्रमुख सचिव रहते हुए अपात्र लोगों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ देने का आरोप लगा था.
एके जोती एक अहम संवैधानिक पद पर नियुक्त होने के बाद भी गुजरात सरकार के बंगले में रहते रहे, जबकि यह पद राजनीतिक पार्टियों और सरकारों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करता है.
दोनों चरणों के मतदान के लिए कुल 50,128 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, इन पर राज्य के 4.33 करोड़ मतदाता मतदान कर सकेंगे.
अनूप परनवाल की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि अभी तक निर्वाचन आयोग में अच्छे लोगों की नियुक्ति हुई है.