महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान के बीच राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे सरकार को गुरुवार सुबह 11 बजे अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए थे, जिसके ख़िलाफ़ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. बुधवार को कोर्ट ने इसमें हस्तक्षेप से इनकार करते हुए उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने को कहा था.
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार के घटक दल शिवसेना में मची अंदरूनी खींचतान के बीच केंद्र की भाजपा सरकार ने शिवसेना के 15 बाग़ी विधायकों को 'वाय प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है, तो वहीं असम सरकार के भाजपाई मंत्रियों ने गुवाहाटी के होटल में बाग़ी विधायकों से मुलाक़ात की.
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच पार्टी सांसद संजय राउत ने बाग़ी विधायकों से अपील की है कि वे उनकी मांगों पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते सभी लोग 24 घंटे में मुंबई वापस आ जाएं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता ठाकरे सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी गठबंधन से बाहर होने की मांग पर सहमत होंगे.
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे असम के गुवाहाटी में समर्थक विधायकों के साथ एक होटल में ठहरे हैं. उनका दावा है कि उन्हें 46 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि खबरों के मुताबिक 34 विधायकों ने प्रस्ताव पारित करके उन्हें शिवसेना विधानसभा दल का नेता नियुक्त किया है. इस बीच, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर बाग़ी विधायक मेरे सामने आकर कह दें कि मैं मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष के पदों को संभालने में सक्षम
अपने ख़िलाफ़ केस दर्ज होने के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि जब तक मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर शांत नहीं होते, उनके पार्टी कार्यकर्ता भी तेज़ आवाज़ में हनुमान चालीसा बजाना जारी रखेंगे. वहीं महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने के लिए 3 मई की समयसीमा को लेकर मनसे प्रमुख को संदेश देते हुए कहा कि राज्य अल्टीमेटम से नहीं चलता, यहां कानून का शासन है.
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने पिछले साल भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. जिसकी जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश केयू चांदीवाल के एक सदस्यीय आयोग को सौंपी गई थी. आयोग ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को दी. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सिंह ने अपने आरोपों को सिद्ध करने के लिए जांच के दौरान कोई सबूत पेश नहीं किया.
शिवसेना ने कहा कि पार्टी इस मामले को क़ानूनी रूप से सुलझाएगी और संकेत दिया कि यह समन रत्नागिरी में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे की गिरफ़्तारी से संबंधित है. महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री एवं शिवसेना नेता अनिल परब इसी ज़िले के अभिभावक मंत्री हैं. उद्धव ठाकरे के क़रीबी माने जाने वाले परब पिछले हफ़्ते कैमरे पर राणे की गिरफ़्तारी का आदेश देते हुए क़ैद हो गए थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ़्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार देर रात के महाड की एक अदालत ने ज़मानत दे दी थी. मामले में नासिक पुलिस ने भी राणे को नोटिस जारी कर उन्हें दो सितंबर को पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया है.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने सोमवार को कहा था कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आज़ादी को कितने साल हो गए हैं. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक ज़ोरदार थप्पड़ मारता. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे की टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को राज्य के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन भी किया.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीते 31 मार्च को जब केंद्र से महाराष्ट्र को मिली 26.77 लाख वैक्सीन की खुराक को सभी ज़िलों में बांटा गया था, तब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के गृह ज़िले जालना को उसके लिए आवंटित सत्रह हज़ार खुराक के साथ 60 हज़ार अतिरिक्त खुराक मिली थी.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने संबंधी महाराष्ट्र के कानून को खारिज किया और इसे असंवैधानिक करार दिया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के इंदिरा साहनी फैसले (इसे मंडल फैसला भी कहा जाता है) को बड़ी पीठ के पास भेजने से इनकार किया.
घटना ठाणे के समीप मुंब्रा इलाके में स्थित प्राइम क्रिटिकेयर हॉस्पिटल की है, जहां बुधवार तड़के आग लग गई. बताया गया है कि अस्पताल में कोई कोरोना संक्रमित मरीज़ नहीं था. स्थानीय विधायक जितेंद्र अव्हाड ने बताया कि मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गई है.
महाराष्ट्र में पालघर ज़िले के विरार में शुक्रवार तड़के एक निजी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी. मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
समाचार वेबसाइट ‘मिल्लत टाइम्स’ की 9 अप्रैल की महाराष्ट्र में कोविड-19 लॉकडाउन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर एक वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसके चीफ एडिटर ने बताया कि अधिकतर प्रदर्शनकारी दिहाड़ी मज़दूर थे. वे मुख्यमंत्री निवास के पास विरोध कर रहे थे और उन मुद्दों के बारे में बोल रहे थे, जिनका सामना वे लॉकडाउन के कारण करेंगे.
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा और रोज़गार में आरक्षण क़ानून, 2018 में बनाया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस क़ानून को वैध ठहराया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.