अयोध्या की सभा असत्य और अधर्म की नींव पर निर्मित हुई है, क्योंकि जिसे इसके दरबारीगण सत्य की विजय कहते हैं, वह दरअसल छल और बल से उपजी है. अदालत के निर्णय का हवाला देते हुए ये दरबारी भूल जाते हैं कि इसी अदालत ने छह दिसंबर के अयोध्या-कांड को अपराध क़रार दिया था.
मामला लखनऊ के चिनहट थाने का है, जहां मोहित पांडेय नाम के एक व्यक्ति को एक मामूली विवाद के सिलसिले में हिरासत में लेकर बेरहमी से पीटे जाने का आरोप है. परिजनों के विरोध प्रदर्शन के बाद संबंधित थाने के प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.
समाजवादी पार्टी भी किसानों के आंदोलन में कूद पड़ी है. सपा ने ऐलान किया है कि 25 अक्टूबर तक किसानों की मांग नहीं मानी गई तो 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर धरना दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोगी अपना दल (एस) के नेता और शोहरतगढ़ से विधायक विनय वर्मा हफ्तेभर से सिद्धार्थनगर ज़िले की पुलिस कप्तान प्राची सिंह को हटाए जाने की मांग को लेकर धरने पर हैं. उनका दावा है कि उनके क्षेत्र में थाने और पुलिस चौकी पर कोई भी काम बिना पैसे लिए नहीं हो रहा है.
पीड़िता अयोध्या के एक डिग्री कॉलेज में बीए की तृतीय वर्ष की छात्रा है और राम मंदिर में सफाई कर्मचारी भी है. पीड़िता ने घटनास्थल के रूप में जिन इलाक़ों का ज़िक्र किया है, वे उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र हैं.
अयोध्या में भाजपा के सदस्यता अभियान से पहले रखी गई एक प्रेस वार्ता को फ़ैज़ाबाद के पूर्व सांसद लल्लू सिंह यह कहते हुए बीच में छोड़कर चले गए कि वे माफिया के साथ नहीं बैठ सकते. बताया जा रहा है कि उनका इशारा मंच पर बैठे भाजपा नेता शिवेंद्र सिंह की ओर था.
भाजपा के पूर्व विधायक और इलाहाबाद के प्रभावशाली नेता उदयभान करवरिया और उनके दो भाइयों को को 2019 में सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव की हत्या के लिए दोषी क़रार दिया गया था. उनकी समय-पूर्व रिहाई के कारणों में पुलिस और डीएम ने उनके 'अच्छे बर्ताव' का हवाला दिया है.
सत्संग के दौरान मंगलवार (2 जुलाई) को मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 121 हो गई है. कई लोग अब भी लापता हैं, जिसके चलते मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है.
हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित एक धार्मिक आयोजन में भगदड़ मचने से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. बताया गया है कि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
उत्तर प्रदेश में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती का पेपर लीक होने और बढ़ती बेरोज़गारी के चलते युवाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और धांधली को लेकर अक्सर ही युवा सड़कों पर संघर्ष करते नज़र आते हैं, वहीं भर्तियों का लंबा इंतज़ार भी उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है.
वीडियो: अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के ‘प्राण-प्रतिष्ठा’ समारोह को लेकर हो रही राजनीति और इस मंदिर की पृष्ठभूमि को लेकर चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
इलाहाबाद के तेज बहादुर सप्रू अस्पताल में नमाज़ पढ़ रही एक महिला के वीडियो को लेकर पुलिस ने कहा कि वो बिना किसी ग़लत इरादे के, किसी के काम या आवाजाही में बाधा डाले बिना उनके मरीज़ के शीघ्र स्वस्थ होने को लेकर नमाज़ अदा कर रही थीं. यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता.
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी की अनुपस्थिति में ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक, 2022’ पारित किया गया. इसमें हड़ताल, दंगा और उपद्रव में सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की उपद्रव के दोषियों से वसूली का प्रावधान दिया गया है.
उत्तर प्रदेश के मथुरा ज़िले की घटना. एक सफाईकर्मी कथित तौर पर अपनी कचरा गाड़ी में कूड़ा समेटकर ले जा रहा था. सफाईकर्मी का कहना है कि उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए कूड़ा इकट्ठा कर ट्रॉली में डाला था. कूड़े के साथ प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तस्वीरें भी आ गईं तो इसमें उनकी क्या ग़लती है.
अमेरिका के वकीलों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ग्वेर्निका 37 ने अमेरिकी ट्रेजरी विभाग को सौंपे निवेदन में मांग की है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व डीजीपी ओमप्रकाश सिंह व कानपुर एसपी संजीव त्यागी के ख़िलाफ़ मानवाधिकारों का हनन करने के चलते वैश्विक प्रतिबंध लगाए जाएं.