मामला गोरखपुर ज़िले के पिपराइच इलाके का है, जहां अपहरण किए गए एक छठी कक्षा के छात्र का शव नाले में मिला. प्रदेश में बढ़ते अपराधों का हवाला देते हुए विपक्ष ने क़ानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.
गोरक्षा के नाम पर देश भर में मुस्लिमों के साथ हिंसा की घटनाएं नई नहीं हैं. हाल के समय में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और उनकी रिपोर्टिंग के पीछे ज़रूरी तौर पर भारतीय समाज में आया कोई बुनियादी बदलाव नहीं, बल्कि कुछ हद तक इसके लिए इंटरनेट के विस्तार की भूमिका है.
जांच के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने बताया कि पाकिस्तान के कराची शहर में बच्चा चोरी के ख़िलाफ़ जागरूकता फैलाने के लिए बनाए गए एक वीडियो को एडिट कर उसे भारत में बच्चा चोरी करने की घटना बताकर सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया. महाराष्ट्र में पिछले डेढ़ महीने में अफवाह के चलते भीड़ की हिंसा या पीट-पीट कर हत्या करने की 14 घटनाओं में 10 लोगों की जान जा चुकी है.
हम भी भारत की 41वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी बीते दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर जेएनयू के प्रोफेसर विवेक कुमार और लेखक पुरुषोत्तम अग्रवाल से चर्चा कर रही हैं.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2016 में अगवा बच्चों के 40.4 फीसदी मामलों में ही आरोप पत्र दाखिल हुआ. वहीं, 2016 में देश में बच्चों के ख़िलाफ़ अपराध के 1,06,958 मामले दर्ज हुए, 2015 में इनकी संख्या 94,172 थी.
वीडियो: देश भर में अफ़वाहों के चलते बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.
गांववालों का आरोप है कि इस व्यक्ति ने एक बच्ची को जबरन गाड़ी में बैठाने की कोशिश की, व्यक्ति का कहना है कि वह सिर्फ पीने का पानी मांग रहा था.
देशभर में व्हाट्सऐप से फैली बच्चे चोरी होने की अफ़वाह से बढ़ीं हिंसा की घटनाएं. तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर बच्चा चोरी के संदेह में हुआ हमला, असम में बच्चे चुराने के शक में विक्षिप्त महिला को खंबे से बांधकर पीटा.
दक्षिण त्रिपुरा ज़िले के कलाछारा में त्रिपुरा सूचना एवं संस्कृति विभाग के एक सदस्य की पीट-पीट कर हत्या. पश्चिम त्रिपुरा के मुराबारी में हुई एक अन्य घटना में एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल. 48 घंटों के लिए इंटरनेट और एसएमएस सेवा बंद.