महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी सफाईकर्मी को सोमवार को ठाणे में पुलिस मुठभेड़ में कथित तौर पर मार गिराया गया. परिजनों ने पुलिस के दावे को चुनौती देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने यौन उत्पीड़न मामले में कबूलनामे के लिए उस पर दबाव डाला था.
ठाणे के एक स्कूल में 12-13 अगस्त को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाली चार साल की दो बच्चियों के साथ 23 वर्षीय सफाईकर्मी ने कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया. घटना के विरोध में मंगलवार को बदलापुर रेलवे स्टेशन पर बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसे लेकर पुलिस ने 300 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक गर्भवती महिला ने स्थानीय लोगों की मदद से सड़क पर ही बच्ची को जन्म दे दिया, क्योंकि उन्हें यहां के सरकारी प्रसूति अस्पताल में कथित तौर पर भर्ती किए जाने से मना कर दिया गया था. ज़िला कलेक्टर ने आरोप का ग़लत बताया है.
पुलिस बताया कि 24 अगस्त को मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म पर सो रही एक महिला के पास से चुराया गया सात माह का बच्चा फ़िरोज़ाबाद नगर निगम की भाजपा पार्षद विनीता अग्रवाल के घर से मिला. उन्होंने इसे कथित तौर पर हाथरस के एक बच्चा चोर गिरोह संचालक दंपति से एक लाख अस्सी हज़ार रुपये में खरीदा था.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि ‘नाजायज़’ शब्द को हटा देना चाहिए क्योंकि कोई भी बच्चा नाजायज़ नहीं होता. क़ानून सभी बच्चों के लिए समान होना चाहिए चाहे वे विवाह के भीतर या बाहर पैदा हुए हों.
अदालत ने एक नाबालिग लड़की के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की. याचिका में व्यक्ति ने प्राधिकारों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि दस्तावेज़ों में उनका नाम उनकी बेटी के उपनाम के रूप में दर्शाया जाए, न कि उनकी मां के नाम के रूप में. दरअसल बच्ची के उपनाम को पिता से अलग रह रहीं पत्नी ने बदल दिया था.