पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री एवं मुमुक्षु आश्रम के अधिष्ठाता चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने 2011 में यौन शोषण का मुक़दमा दर्ज कराया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 30 नवंबर को शाहजहांपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत में हाज़िर नहीं हुए.
वीडियो: यूपी सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रहे स्वामी चिन्मयानंद के ख़िलाफ़ दर्ज बलात्कार के मुक़दमे को वापस लेने की पैरवी की थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार की दलीलों को ख़ारिज करते हुए कहा कि मुक़दमा वापस नहीं लिया जा सकता है. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख़ किया था, जिसमें उनके ख़िलाफ़ दर्ज बलात्कार के मामले को वापस लेने की मांग वाली राज्य सरकार की याचिका को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था.
एक अन्य मामले में अदालत ने शाहजहांपुर की विधि छात्रा और पांच अन्य को पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को धमकाने और उनसे पांच करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोपों से बरी कर दिया. छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए थे. ट्रायल के दौरान छात्रा अपने बयान से मुकर गई थी.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित एक महाविद्यालय की क़ानून की छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था. वहीं, चिन्मयानंद ने छात्रा के परिवार पर पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का आरोप लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद को जमानत देने वाले आदेश में कारण दिए थे और इसलिए इसमें किसी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के सामने मामले का उल्लेख करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा, 'आरोपी ताकतवर व्यक्ति है. पीड़िता का जीवन खतरे में है.'
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में पिछले साल 20 सितंबर को गिरफ़्तार पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को तीन फरवरी को ज़मानत मिली है.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की कानून की एक छात्रा के यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को पिछले साल 20 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने के बाद 23 वर्षीय कानून की छात्रा को विशेष जांच दल ने 25 सितंबर को ब्लैकमेल करने और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. अभी वह जेल में है.
ऐसे में जब देश में महिलाओं का कोई वास्तविक प्रतिनिधित्व ही नहीं बचा और सरकार में नारी शक्ति की मिसाल मानी जाने वाली तथाकथित जुझारू नेता भाजपा नेताओं या समर्थकों द्वारा किए उत्पीड़न के कई मामलों पर मुंह सिलकर बैठ चुकी हैं, तो कैसे सरकार से किसी न्याय की उम्मीद लगाई जाए?
वीडियो: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी को ज़मानत मिल गई है. दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा को रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया है. इन मुद्दों पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.