विधानसभा चुनाव: … आज अचानक हम पे जो हैं मेहरबान, इनसे पूछो ये आज तक थे कहां

चुनावी बातें: चुनावों का मौसम आते ही बुज़ुर्ग कई ऐसे पुराने क़िस्से सुनाते हैं, जो लोकतंत्र के इस त्योहार पर पैने कटाक्ष से लगते हैं. बताते हैं कि एक बार भारतेंदु हरिश्चंद्र जब बस्ती पहुंचे, तो बोले- बस्ती को बस्ती कहूं तो काको कहूं उजाड़! हर्रैया क़स्बे में बालूशाही खाई तो पूछने से नहीं चूके कि उसमें कितना बालू है, वो कितनी शाही है.

अब तक गठित सोलह लोकसभाओं में तीसरी ने देखे सबसे बुरे दिन

चुनावी बातें: तीसरी लोकसभा के कार्यकाल के दौरान देश ने अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के आक्रमणों का मुक़ाबला किया और अपने दो प्रधानमंत्रियों को गंवाया.