पूर्वोत्तर के राज्यों में लंबे समय से नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में आवाज़ उठती रही हैं. गृहमंत्री अमित शाह की इस विधेयक को लाने की हालिया घोषणा के बाद मणिपुर, मेघालय और नगालैंड में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
नागरिकता संशोधन विधेयक में हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन और ईसाई शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. कोलकाता में हुई एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी से घुसपैठियों की पहचान करके निकालने से पहले यह विधेयक लाया जाएगा.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नया एनआरसी फिर से तैयार होगा, साथ ही नागरिकता संशोधन विधेयक को दोबारा संसद में पेश किया जाएगा.
वीडियो: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में एनआरसी, अनुच्छेद 370, कॉरपोरेट टैक्स, देश में आर्थिक मंदी जैसे कई मुद्दों पर अपनी राय दी.
असम में 31 अगस्त को जारी हुई एनआरसी की अंतिम सूची में 19 लाख से ज्यादा आवेदकों के नाम नहीं हैं, जिनमें 12 लाख से अधिक हिंदू शामिल हैं.
वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में पूर्वोत्तर के विभिन्न मुद्दों पर द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
उदारवादी बौद्धिक जमात के लिए भारत भले ही अब तक हिंदू राष्ट्र न बना हो, लेकिन गलियों में घूमनेवाले हिंदुत्ववादियों के लिए यह एक हिंदू राष्ट्र है. इसके लक्षण भले छिपे हुए हों, लेकिन इसके समर्थक और पीड़ित, दोनों ही बहुत ही स्पष्ट तरीके से इसका अनुभव कर सकते हैं.
नागरिकता संशोधन विधेयक और एनआरसी को लेकर उठ रहे सवालों के बीच असम के एक भाजपा नेता पवन कुमार राठी को 'विदेशी नागरिक' घोषित कर दिया गया है.
वीडियो: आरफ़ा का इंडिया की इस कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा कर रही हैं.
मध्य प्रदेश के रतलाम-झाबुआ सीट से भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार गुमानसिंह डामोर ने कहा कि मोहम्मद जिन्ना एक एडवोकेट और एक विद्वान व्यक्ति थे. अगर उस समय निर्णय लिया गया होता कि हमारा प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना बनेगा तो इस देश के टुकड़े नहीं होते.
असम के बारपेटा ज़िले के रहने वाले और वर्तमान में कोलकाता में तैनात भारतीय सेना के एक सूबेदार को असम में नागरिकता की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है.
मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की रासुका के तहत गिरफ़्तारी के विरोध में भी छात्र ने प्रदर्शनों का आयोजन किया था. परिवारवालों ने कहा कि पुलिस ने गिरफ़्तारी का कारण नहीं बताया है.
नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर उत्तर-पूर्व के विभिन्न राज्यों में विरोध जारी. मणिपुर के दो ज़िलों में धारा 144 लागू. पूरे राज्य में 16 फरवरी तक मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित की गई. स्थानीय चैनलों पर विरोध प्रदर्शन से जुड़ी ख़बरों के प्रसारण पर रोक लगी.
दिवंगत गायक और संगीतकार भूपेन हज़ारिका के बेटे तेज हज़ारिका का कहना है कि अब तक इस बारे में केंद्र सरकार का जो रवैया रहा है, वो किसी जाने-माने राष्ट्रीय सम्मान को देने-लेने के महत्व से ज़्यादा सस्ती और अल्पकालिक लोकप्रियता पाने का प्रदर्शन है.
आरटीआई कार्यकर्ता और किसान नेता अखिल गोगोई, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हिरेन गोगोई और पत्रकार मंजीत महंत के ख़िलाफ़ भी नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर दिए गए बयान के लिए राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.