सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ महाभियोग लाया गया तो ऐसा माहौल बना जैसे ऐसा करने से जनता का न्याय से विश्वास उठ जाएगा और लोकतंत्र ख़तरे में पड़ जाएगा.
शांति भूषण की तरफ़ से पेश हुए अधिवक्ता दुष्यंत दवे और प्रशांत भूषण ने दलील दी कि प्रधान न्यायाधीश अपने अधिकारों का निरंकुश होकर इस्तेमाल नहीं कर सकते.
सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों और चार पूर्व जजों ने जजों की नियुक्ति पर सरकार के हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है. ये सभी जज कांग्रेस के महाभियोग के प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर चुके हैं. इनका सवाल है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकराने की अनुमति सरकार को कैसे दे दी?
जस्टिस केएम जोसेफ की पदोन्नति पर घमासान. कांग्रेस ने पूछा, क्या उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के ख़िलाफ़ फ़ैसले की वजह से उनके नाम को मंज़ूरी नहीं दी गई.
जस्टिस केएम जोसेफ को पदोन्नति पर संशय बरक़रार, कांग्रेस ने लगाया ‘बदले की राजनीति’ का आरोप.
हम भी भारत की 31वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव और उसे ख़ारिज किए जाने पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और पूर्व सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह से चर्चा कर रही हैं.
आज जिन लोगों को अरुण जेटली ‘संस्थानिक बाधा’ बता रहे हैं, उन्हें यूपीए-2 के शासनकाल के समय भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर भाजपा ने सिर-आंखों पर बिठाया था.
जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस मदन बी लोकुर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लिखा पत्र.
महाभियोग प्रस्ताव ख़ारिज होने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि यह लोकतंत्र को ख़ारिज करने वालों और लोकतंत्र को बचाने वालों के बीच की लड़ाई है.
कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने कहा कि न्यायमूर्ति के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमतर आंकने वाले हैं.
संविधान में किसी कार्यरत जज को उसके पद से हटाए जाने की प्रक्रिया बेहद जटिल है. संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित प्रस्ताव के आधार पर राष्ट्रपति ही उन्हें हटा सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक पत्र में जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा है, 'नियुक्ति के संबंध में कॉलेजियम कीअनुशंसाओं पर सरकार का कुंडली मारकर बैठे रहना कानूनन सत्ता का दुरुपयोग है.'
मुख्य न्यायाधीश के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा है कि न्यायपालिका की हर समस्या का जवाब महाभियोग नहीं है.
एनसीपी नेता ने बताया कि महाभियोग प्रस्ताव के लिए विपक्षी दलों के 20 नेता दस्तख़त कर चुके हैं.
पिछले महीने न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवेदनशील जनहित याचिकाओं और महत्वपूर्ण मुक़दमे वरिष्ठता के मामले में जूनियर न्यायाधीशों को आवंटित किए जाने पर सवाल उठाए थे.