गुजरात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बीते 25 मई को कक्षा 10 के परिणाम जारी किए थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 272 स्कूलों का परिणाम शत प्रतिशत रहा. 1,084 स्कूलों ने 30 प्रतिशत से कम पास होने की सूचना दी, वहीं 157 स्कूलों ने पास प्रतिशत शून्य दर्ज किया.
असम में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की उस घोषणा का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर के आठों राज्य 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने इस क़दम को ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की ओर बढ़ाया गया क़दम’ क़रार दिया.