शिक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी बताती है कि साल 2023 में केंद्रीय बोर्ड की तुलना में राज्य बोर्ड में अधिक विफलता दर दर्ज की गई. 10वीं कक्षा में फेल होने वाले छात्रों की सबसे ज़्यादा संख्या मध्य प्रदेश बोर्ड में थी, उसके बाद बिहार और यूपी रहे. वहीं 12वीं में अनुत्तीर्ण रहे सर्वाधिक छात्र यूपी से थे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2020 में पेश की गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य छात्रों पर शैक्षणिक तनाव को कम करना है. 2025-26 शैक्षणिक सत्र से छात्रों को 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में दो बार बैठने का मौका मिलेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर हो.