चुनावी बॉन्ड: मोदी सरकार ने नियमों से छेड़छाड़ कर भाजपा को एक्सपायर बॉन्ड भुनाने की अनुमति दी

भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 मई 2018 को कुछ चुनावी बॉन्ड धारक 20 करोड़ रुपये के बॉन्ड के साथ नई दिल्ली में बैंक की मुख्य शाखा पहुंचे थे. आधे बॉन्ड 3 मई 2018 और बाकी आधे 5 मई 2018 को खरीदे गए थे. दोनों ही तारीखों पर खरीदे गए बॉन्ड की उन्हें भुनाने की 15 दिन की अवधि समाप्त होने के बावजूद भुनाया गया.

चुनावी बॉन्ड की कम पारदर्शी कही जाने वाली भौतिक बिक्री में चुनाव से पहले वृद्धि दिखी: रिपोर्ट

चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 के तहत बॉन्ड डिजिटल और भौतिक, दो रूपों में बेचे जाते है. एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि मार्च 2018 से अब तक 22 में से 8 दौर में बेचे गए अधिकांश बॉन्ड भौतिक लेने-देन वाले थे. कई विधानसभा चुनावों से पहले भौतिक बॉन्ड का आंकड़ा डिजिटल से कहीं अधिक रहा.

बीते चार सालों में बिके कुल चुनावी बॉन्ड में से 92 फीसदी एक करोड़ रुपये मूल्य के: आरटीआई

स्टेट बैंक से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़, पिछले चार वर्षों में लगभग 7,995 करोड़ रुपये के 15,420 चुनावी बॉन्ड बेचे गए. इनमें से 7,974 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 15,274 चुनावी बॉन्ड राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए. 20 करोड़ रुपये से कुछ अधिक मूल्य के नहीं भुनाए गए बॉन्ड प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष भेजे गए.