गृह मंत्रालय ने सीएए के तहत नियम बनाने के लिए और समय मांगा

दिसंबर 2019 में संसद में पारित संशोधित नागरिकता अधिनियम अभी लागू नहीं हुआ है क्योंकि इसके तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं. नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय अब तक पांच बार समय विस्तार मांग चुका है.

वाराणसी: घाटों पर सांप्रदायिक पोस्टर लगाने वाले पांच लोगों पर मामला दर्ज, कोई गिरफ़्तारी नहीं

बीते हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पंचगंगा, दशाश्वमेध, अस्सी और मणिकर्णिका समेत कई घाटों पर विहिप व बजरंग दल द्वारा लगाए पोस्टरों पर ग़ैर-हिंदुओं को गंगा घाटों से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी. विहिप का दावा है कि उसने पोस्टर लगाने वाले दो सदस्यों को संगठन से निकाल दिया है.

ग़ाज़ियाबाद-लोनी मी​ट बैन: लाइसेंस के नाम पर मुस्लिमों को किया जा रहा टारगेट

वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने हाल ही में अपने क्षेत्र की मीट की दुकानों को बंद करवा दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में गुर्जर कह रहे हैं कि मांस बेचने वालों को जेल भेजा जाएगा और ज़मानत नहीं होगी.

गुजरात: होटल मालिकों में मुस्लिम शामिल होने पर प्रदर्शन, समुदाय विरोधी नारे लगाए गए

मामला गुजरात के आणंद का है, जहां एक हिंदू और दो मुसलमान व्यक्तियों ने मिलकर एक होटल शुरू किया है, जिसका विरोध हो रहा है. बीते दिनों हुए प्रदर्शन में लोगों ने राम भजन गाते हुए वहां गंगाजल छिड़का, ताकि उस क्षेत्र का ‘शुद्धिकरण’ किया जा सके. प्रदर्शनकारियों के इस समूह में डॉक्टर, वकील और छात्र आदि शामिल थे.

अन्य अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए सीएए में किसी और संशोधन का प्रस्ताव नहीं: सरकार

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सीएए के तहत पात्र लाभार्थी, नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 30 जुलाई तक भारतीय नागरिकता के लिए अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू समुदाय से 4,046 आवेदन राज्य सरकारों के पास लंबित हैं. वहीं, 10 आवेदन केंद्र सरकार के पास लंबित हैं.

केंद्र सरकार ने सीएए के नियम तैयार करने के लिए छह महीने का समय और मांगा

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सीएए के नियम अभी तैयार नहीं हो पाए हैं, इसलिए उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ समितियों से अनुरोध किया है कि वे इन नियमों को बनाने के लिए नौ जनवरी 2022 तक का अतिरिक्त समय दें.