अगर आप केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ट्विटर टाइमलाइन देखेंगे, तो आपको पता नहीं लगेगा कि देश में क्या चल रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने वर्ष 2017 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वंतत्रता रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि भारत में साल के पहले छह महीनों में ईसाइयों को प्रताड़ित करने की 410 घटनाएं सामने आईं हैं.
यह विडंबना है कि ज़िंदगी भर अपने लिखे हुए के लिए कोर्ट के चक्कर लगाने वाला, मुफ़लिसी में जीने और समाज की नफ़रत झेलने वाला मंटो आज ख़ूब चर्चा में है. इसी मंटो ने लिखा था कि मैं ऐसे समाज पर हज़ार लानत भेजता हूं जहां यह उसूल हो कि मरने के बाद हर शख़्स के किरदार को लॉन्ड्री में भेज दिया जाए जहां से वो धुल-धुलाकर आए.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस मामले को अच्छी तरह संभाला है. कोई भी गलत कदम ऐसे हालातों को जन्म दे सकता था जहां पूरा राज्य सांप्रदायिकता की आग में जल गया होता.
रामनवमी के बाद बिहार के विभिन्न ज़िलों में फैली सांप्रदायिक हिंसा के एक महीने बाद इन इलाकों में हिंदू-मुस्लिमों के बीच किसी तरह का मनमुटाव या दुर्भावना नहीं दिखती.
अमेरिकी सरकार द्वारा गठित एक आयोग ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि देश में जारी भगवाकरण अभियान के शिकार मुसलमान, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और दलित हिंदू हैं.
जन गण मन की बात की 231वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में बेरोज़गारी और सांप्रदायिकता पर चर्चा कर रहे हैं.
सांप्रदायिकता से इसलिए मत लड़िए कि कांग्रेस-बीजेपी करना है. ये पार्टियां या तो चुप रहकर सांप्रदायिकता करती हैं या फिर खुलेआम. इनके आने-जाने से यह लड़ाई कभी अंजाम पर नहीं पहुंचती है.
पिता ने कहा कि मेरी उस बच्ची की बर्बर तरीके से हत्या की गई, जो हिंदू और मुस्लिम के बीच का फ़र्क़ नहीं समझती थी.
नीतीश कुमार ने समझने में भूल कर दी कि इस बार उनका सामना पहले की तुलना में शक्तिशाली भाजपा से हुआ है. भाजपा बिहार के हालात का भरपूर फ़ायदा उठा रही है और नीतीश महज़ एक तमाशबीन बनकर रह गए हैं.
हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई झांकी में अफ़राज़ुल हत्याकांड के आरोपी शंभूलाल को ‘एंटी लव जिहाद’ हीरो के रूप में दिखाया गया था.
अररिया उपचुनाव के बाद वायरल हुए कथित ‘देश विरोधी’ वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि के बिना उस पर सांप्रदायिकता भड़काने वाला कार्यक्रम करने के आरोप में एक पूर्व नौकरशाह ने ज़ी समूह के एक चैनल के ख़िलाफ़ न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी में शिकायत दर्ज करवाई है.
मोहसिन के कथित रूप से दाढ़ी रखने और हरे रंग की शर्ट पहनने पर साल 2014 में उसकी हत्या कर दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सभी आरोपियों को फिर से हिरासत में लेने का निर्देश दिया.
माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह यात्रा भाजपा और आरएसएस के पक्ष में हिंदू वोट बैंक को मज़बूत करने के लिए आयोजित की गई है.
वीडियो: देश में बढ़ती सांप्रदायिक घटनाओं और बयानबाज़ी पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.