नरेंद्र मोदी के मन में कांग्रेस को लेकर ऐसा भय समा गया है कि वे अपनी बात कहने की बजाय सिर्फ़ कांग्रेस और उनके नेताओं के ख़िलाफ़ भाषण देते हैं. वे कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को लेकर गहरे सदमे में हैं. राहुल गांधी उनका दु:स्वप्न बन गए हैं.
फैक्ट चेक: कांग्रेस के घोषणापत्र को सायास नज़रअंदाज़ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदू मतदाताओं को मुसलमानों के ख़िलाफ़ भड़का रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बीते हफ्ते 21 से 25 अप्रैल के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में ली गईं चुनाव सभाओं में जो भाषण दिए गए, उनको लेकर स्क्रॉल ने एक फैक्ट-चेक में पाया है कि इस दौरान उन्होंने लगातार कांग्रेस के ख़िलाफ़ झूठ फैलाने का काम किया है.
कांग्रेस का घोषणा पत्र सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे मुस्लिम लीग से जोड़ा था. क्या यह बेतुकी तुलना भाजपा की उस ग्रंथि को दर्शाती है जब आज़ादी से पहले जिन्ना की अगुआई वाली इसी लीग के साथ मिलकर उसके ‘विचारधारात्मक पुरखों’ ने गुल खिलाए थे!
भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' और कॉमन इलेक्टोरल रोल के व्यवस्था के साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ज़िक्र भी किया है. 2019 के घोषणा पत्र के विपरीत इस बार देशभर में चरणबद्ध तरीके से एनआरसी किए जाने और किसानों की आय दोगुनी करने के वादे का उल्लेख नहीं है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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विधानसभा चुनाव राउंड अप: कांग्रेस ने यूपी के लिए जारी 'जन घोषणा पत्र' में आउटसोर्स और संविदाकर्मियों का नियमितीकरण की बात कही है. उत्तर में गुरुवार को होगा पहले चरण का मतदान. उत्तराखंड भाजपा ने अपना घोषणा पत्र जारी किया. पंजाब में आप के सीएम उम्मीदवार भगवंत मान ने केंद्र से किसान आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार के लिए मुआवज़े और किसानों के ख़िलाफ़ दर्ज केस वापस लेने की मांग की.
एक ओर कमलनाथ सरकार विधानसभा चुनावों से पहले जारी किए अपने ‘वचन-पत्र’ को ही सरकार चलाने का रोडमैप और वचनों के पूरे होने के दावे कर रही है, तो दूसरी ओर उन वचनों से सरोकार रखने वाले वर्ग अब सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने लगे हैं.
केंद्र और राज्यों में सूचना आयोग स्वतंत्र होने चाहिए. रीढ़विहीन बाबुओं को यह अनुमति नहीं दी जानी चाहिए कि वे आयोग को भी रीढ़विहीन बना दें. लोकसभा चुनाव में उतर रहे राजनीतिक दलों को केंद्रीय सूचना आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करनी चाहिए.
भाजपा और कांग्रेस दोनों के घोषणा-पत्र में कश्मीर को लेकर वादे किए गए हैं. जहां भाजपा ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा, वहीं कांग्रेस ने कश्मीर समस्या के समाधान की बात की. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश कश्मीर को लेकर किए इन वादों पर फिल्मकार संजय काक और वरिष्ठ पत्रकार सैयद नज़ाकत हसन से चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस ने अपने घोषणा-पत्र में आफ्स्पा और राजद्रोह क़ानून में बदलाव की बात कही है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि आफ्स्पा में सुधार से सेना का मनोबल गिरेगा. सोचने वाली बात है कि अगर सैनिकों के अधिकारों पर यह सीमा तय हो कि किसी भी नागरिक को सिर्फ शक़ के बिना पर मारने, गायब करने या किसी महिला के साथ यौन हिंसा की शिक़ायत होने पर उन्हें क़ानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा तो इसमें सेना का मनोबल कैसे
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर राज्य के लिए अलग प्रधानमंत्री की उनकी मांग को लेकर हमला करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं इन नेताओं को बताना चाहता हूं कि यदि आप ऐसी मांगें जारी रखते हैं, तो हमारे पास संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.
कांग्रेस का घोषणा-पत्र कम से कम इस अर्थ में बहुत सार्थक है कि तात्कालिक रूप से ही सही, देश के राजनीतिक विमर्श की दशा व दिशा बदलने के संकेत मिल रहे हैं.
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.