सुप्रीम कोर्ट के समलैंगिक विवाहों को मान्यता देने से इनकार समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकों को शादी करने का अधिकार देने के मामले में फैसला देते हुए कहा कि अदालत ऐसे विवाह को मान्यता नहीं दे सकती और ये संसद के अधिकारक्षेत्र का मामला है. रिपोर्ट के अनुसार, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा पीठ जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस रवींद्र भट्ट, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल थे. सीजेआई ने कहा कि ‘कुछ हद तक सहमति और कुछ असहमति’ के साथ कुल चार फैसले सुनाए गए हैं. सीजेआई ने कहा कि सरकार को विवाह के बिना भी समलैंगिक रिश्तों को मान्यता देने के साथ उन्हें कानूनी सुरक्षा और हक़ देने चाहिए. जस्टिस कौल इससे सहमत हुए. हालांकि, अन्य तीन जज इस निर्देश से असहमत रहे. सीजेआई ने समलैंगिक जोड़ों के बच्चे गोद लेने के अधिकार की भी पैरवी की, हालांकि तीन जज इससे सहमत नहीं हुए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार समलैंगिक रिश्तों में रहने वाले लोगों (queer union) के अधिकारों पर फैसला करने के लिए एक समिति का गठन करेगी और यह समिति राशन कार्डों में समलैंगिक जोड़ों को परिवार के रूप में शामिल करने, समलैंगिक जोड़ों को बैंक खातों में नॉमिनेटेड व्यक्ति के रूप में एक-दूसरे का नाम देने में सक्षम बनाने आदि पर विचार करेगी.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी और अन्य संदिग्धों संबंधी मीडिया कवरेज को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अदालत ने कहा कि मीडिया की रिपोर्टिंग वस्तुनिष्ठ होनी चाहिए और आरोपी व्यक्तियों पर दोषारोपण किए बिना समाचार को ओपिनियन (विचार/राय) से अलग किया जाना चाहिए. कोर्ट ने मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय को भी निर्देश दिया कि वह आरोप पत्र दाखिल करने से पहले संदिग्धों के विवरण का खुलासा न करे, या पूछताछ और छापों का विवरण मीडिया को न दे. ज्ञात हो कि इस कथित घोटाले में अवैध तरीकों से राज्य संचालित स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां किए जाने का आरोप है, जिसे लेकर ईडी और सीबीआई दोनों ने अभिषेक बनर्जी को समन जारी किया है.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. द हिंदू के अनुसार, पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ द्वारा जारी ‘वचन पत्र’ में राज्य के सभी लोगों को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर, ओबीसी के लिए 27% आरक्षण, सौ यूनिट बिजली फ्री करने और राज्य की अलग आईपीएल टीम बनाने सहित कई वादे किए गए हैं. 106 पन्नों के घोषणापत्र में 59 वादे हैं, जिसमें किसानों, महिलाओं और सरकारी कर्मचारियों सहित समाज के सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ वादे किए गए हैं. कमलनाथ ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने और महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये की मदद देने की भी घोषणा की. साथ ही, उन्होंने 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर उपलब्ध कराने, स्कूली शिक्षा मुफ्त करने, पुरानी पेंशन योजना लागू करने और युवाओं के लिए दो साल तक प्रति माह 1,500 से 3,000 रुपये तक बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया.

ब्रिटिश अख़बार द गार्डियन के लिए 40 वर्षों से अधिक समय तक काम करने वाले एक राजनीतिक कार्टूनिस्ट स्टीव बेल ने दावा किया है कि उन्हें इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कार्टून बनाने के लिए बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि संस्थान को लगा कि यह ‘यहूदी विरोधी’ है. टेलीग्राफ डॉट यूके के अनुसार, बेल के कार्टून में नेतन्याहू को बॉक्सिंग दस्ताने पहने और गाजा पट्टी दिखाने वाले नक़्शे पर मेडिकल ब्लेड पकड़े हुए दिखाया गया है. इसमें इजरायल के द्वारा गाज़ा निवासियों के क्षेत्र छोड़ने के बारे में सांकेतिक टेक्स्ट लिखा था. बेल ने कहा कि उन्होंने सोमवार की सुबह कार्टून भेजा था और चंद घंटों में इसे वरिष्ठ संपादकों ने ख़ारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला चौंकाने वाला था. उधर, गार्डियन एक प्रवक्ता ने बताया कि बेल का अख़बार के साथ क़रार रिन्यू नहीं किया जाएगा. बेल का कहना है कि अख़बार को उनके कार्टून प्रकाशित न करने का पूरा अधिकार है, लेकिन उसे मनगढ़ंत और झूठे कारणों को जरिया बनाकर ऐसा नहीं करना चाहिए.

गुजरात के खेड़ा सार्वजनिक पिटाई मामले के पीड़ितों ने आरोपी पुलिसवालों से मुआवज़ा लेने से इनकार कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, चार पुलिसकर्मियों पर 4 अक्टूबर 2022 को तीन मुस्लिम युवकों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें खंभे से बांधकर सार्वजनिक रूप से लाठियों से पीटने का आरोप था. गिरफ्तार किए गए लोगों पर खेड़ा जिले के उंधेला गांव में गरबा कार्यक्रम में पथराव करने का आरोप लगाया गया था. मामले के कोर्ट पहुंचने पर आरोपी पुलिसवालों ने अदालत से आग्रह किया था कि उन्हें उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बदले पीड़ितों को मुआवजा देने की अनुमति दी जाए, क्योंकि इससे उनके पेशेवर रिकॉर्ड पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. अब पीड़ित युवकों ने हाईकोर्ट को बताया है कि उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों से मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है.

उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर फिलिस्तीन का समर्थन करने को लेकर एक पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया. एनडीटीवी के मुताबिक, लखीमपुर खीरी ज़िले में रिज़र्व पुलिस लाइन में तैनात कॉन्स्टेबल सुहैल अंसारी ने कथित तौर पर अपने फेसबुक एकाउंट पर फिलिस्तीन के लिए आर्थिक मदद की मांग करते हुए स्टेटस डाला था. इसे लेकर एक सोशल मीडिया यूजर अनुपम तिवारी ने पुलिस महानिदेशक को शिकायत भेजी थी और अंसारी का पोस्ट वायरल हो गया. इस मामले की जांच के बाद उनका निलंबन आदेश जारी कर दिया गया. ज्ञात हो कि बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इज़रायल-फिलिस्तीन युद्ध पर किसी भी ‘विवादास्पद बयान’ के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आदेश दिया था.

जनता दल (सेक्युलर) नेताओं के पार्टी के भाजपा के साथ गठबंधन के फैसले पर अब कर्नाटक इकाई का विरोध भी सामने आ गया है. रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक अध्यक्ष सीएम इब्राहिम ने कहा है कि वह पार्टी को एनडीए में शामिल नहीं होने देंगे. इब्राहिम ने कहा कि उनकी पार्टी का मूल पक्ष ‘धर्मनिरपेक्ष’ है और प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनके पास पार्टी के निर्देश पर निर्णय लेने की शक्ति है. 22 सितंबर को पार्टी नेता कुमारस्वामी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद दोनों दलों के बीच गठबंधन को औपचारिक रूप दिया था. तब से केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में पार्टी इकाइयों ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है और कुछ नेताओं ने पद भी छोड़ दिया है.