अप्रैल-मई में होने वाले संभावित विधानसभा चुनावों के लिए तृणमूल कांग्रेस की इस पेशकश पर माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती ने आश्चर्य जताया कि वाम मोर्चा और कांग्रेस को राज्य में नगण्य राजनीतिक बल क़रार देने के बाद वह उनके साथ गठबंधन के लिए बेक़रार क्यों है.
मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के बागचीनी और सुमावली थाना क्षेत्र का मामला. राज्य सरकार ने इस घटना के सभी पहलुओं पर जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे मामलों में सीधे तौर पर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज़िम्मेदार ठहराया जाएगा.
हिंदू महासभा ने बीते दस जनवरी को ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम पर ज्ञानशाला की शुरुआत की थी. महासभा की ओर से कहा गया था कि लाइब्रेरी को स्थापित करने का उद्देश्य आज के अज्ञानी युवाओं में सच्ची देशभक्ति को जगाना है, जिसके लिए गोडसे खड़े हुए थे.
नाइंसाफी के ख़िलाफ़ किसानों ने इतिहास में हमेशा प्रतिरोध किया है, बार-बार किया है. मौजूदा किसान आंदोलन भी उसी गौरवशाली परंपरा का अनुसरण कर रहा है.
हरियाणा के करनाल ज़िले के कैमला गांव में बीते 10 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था. आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने तोड़फोड़ के लिए लोगों को उकसाया था.
हाल के दिनों में जनता द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के दौरे पर उनका हेलीकॉप्टर न उतरने देना, मेयर के चुनाव में अंबाला में मुख्यमंत्री का विरोध होना और इसी चुनाव में सोनीपत और अंबाला जैसी शहरी सीटें हारना इस बात के संकेत हैं कि राज्य में भाजपा की स्थिति कमज़ोर हो रही है.
पुदुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गठबंधन का निर्वाचित सरकार की विकास योजनाओं तथा कल्याणकारी क़दमों को बाधित करने के ख़िलाफ़ उपराज्यपाल किरण बेदी को पद से हटाने की मांग की जा रही है. यह प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब क़रीब तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल के कैमला गांव में केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों का फायदा बताने के लिए एक किसान महापंचायत का संबोधित करने वाले थे. पुलिस ने किसानों को कार्यक्रम में बांधा डालने से रोकने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ उन पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
भोपाल में 45 वर्षीय दीपक मरावी को यहां के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में बीते 12 दिसंबर को भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाई गई स्वदेशी कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी. बीते 21 दिसंबर को तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई. मृतक के परिवार का आरोप है कि वैक्सीन से उनकी जान गई है.
93 वर्षीय माधव सिंह सोलंकी ने जून 1991 से मार्च 1992 के बीच विदेश मंत्री का प्रभार भी संभाला था. वह गुजरात में जातिगत समीकरणों को साधने वाले बड़े नेता थे. 80 के दशक में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्होंने क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम (केएचएएम) फॉर्मूला सुझाया था.
2019 में बसपा के छह विधायकों के सत्तारूढ़ कांग्रेस में जाने के मामले की दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर समेत पूर्व बसपा विधायकों को नोटिस जारी किए हैं. इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा दिए आदेश को बसपा और एक भाजपा विधायक ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है.
बीते साल मार्च में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर आए तुलसीराम सिलावट और गोविंद राजपूत को मंत्री बनाया था, पर विधानसभा सदस्य न होने के कारण उन्हें अक्टूबर में इस्तीफ़ा देना पड़ा था. उपचुनाव में जीत के बाद वे फिर कैबिनेट का हिस्सा बने हैं.
बूटा सिंह ने अपने लंबे राजनीतिक जीवन में केंद्रीय गृह मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. इसके साथ ही वह बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष भी रह चुके थे.
केरल विधानसभा ने तीन नए कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया, जिसे 140 सदस्यीय विधानसभा के एकमात्र भाजपा सदस्य ओ. राजगोपाल ने भी समर्थन दिया. हालांकि प्रदेश भाजपा की नाराज़गी के बाद राजगोपाल ने कहा कि उन्होंने सदन में प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था.
विपक्ष ने मदरसों को बंद करने के असम सरकार के क़दम की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में यह ध्रुवीकरण का हथकंडा है जहां अगले साल मार्च-अप्रैल में चुनाव होने हैं. कैबिनेट ने यह भी निर्णय लिया है कि 97 मौजूदा सरकारी संस्कृत संस्थानों को अध्ययन केंद्र और अनुसंधान केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा.