स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मधु लिमये ने अपने 50 वर्ष भी अधिक लंबे सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में अपने राजनीतिक सिद्धांतों को मज़बूती से पकड़े रखा और उनसे कभी कोई समझौता नहीं किया. वे द्विराष्ट्रवाद सिद्धांत के ख़िलाफ़ थे और हमेशा सांप्रदायिक मुस्लिम राजनीति की मुख़ालिफ़त की.
केंद्र सरकार ने चुनाव संचालन नियमों में संशोधन करते हुए कहा कि चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की ईमानदारी को जानबूझकर कम किया जा रहा है, जो संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में अपनी टिप्पणी से संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की गरिमा को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने भाजपा और कांग्रेस पर आंबेडकर के नाम पर वोट बैंक राजनीति करने का आरोप लगाया.
बाबासाहेब आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि भाजपा के अस्तित्व में आने से पहले इसके पूर्ववर्ती जनसंघ और आरएसएस ने संविधान को अपनाए जाने के समय बाबासाहेब का विरोध किया था. अमित शाह के बयान से भाजपा की वही पुरानी मानसिकता सामने आ गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान के आगे मत्था टेकते हैं और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीर के सामने नमन करते हैं, लेकिन सब जानते हैं कि दलित वोट पाने के लिए यह उनका दिखावा है.
लोकसभा में अपने पहले भाषण में प्रियंका गांधी वाड्रा ने संविधान, आरक्षण और जाति जनगणना के मुद्दों पर सरकार को घेरा. प्रियंका ने 1975 के आपातकाल का ज़िक्र करते हुए सबक लेने की बात कही और संविधान की रक्षा का आह्वान किया.
इस समय संविधान की सबसे बड़ी सेवा सत्ताधीशों के स्वार्थी मंसूबों की पूर्ति के उपकरण बनने से इनकार करना है. समझना है कि संविधान के मूल्यों को बचाने की लड़ाई सिर्फ न्यायालयों में या उनकी शक्ति से नहीं लड़ी जाती. नागरिकों के विवेक और उसकी शक्ति से भी लड़ी जाती है.
ओडिशा के विधानसभा में प्रदर्शित संविधान के प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्द शामिल नहीं हैं. विपक्षी बीजू जनता दल और कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार इस मुद्दे पर विधानसभा की कार्यवाही बाधित की और इसे 'संविधान का अपमान' बताया.
सुप्रीम कोर्ट ने 42वें संशोधन, जिसके तहत संविधान की प्रस्तावना में ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़े गए थे- की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि लगभग 44 वर्षों के बाद इस संवैधानिक संशोधन को चुनौती देने का कोई वैध कारण या औचित्य नहीं है.
संविधान की प्रस्तावना से 'धर्मनिरपेक्ष' तथा 'समाजवाद' शब्दों को हटाए जाने की मांग लोकतंत्र और संविधान के लिए ख़तरे की सूचक है. शब्दों में बदलाव के बजाय हमारी मानसिकता में बदलाव की मांग होनी चाहिए.
नीति परामर्श निकाय- पीपुल्स कमीशन ऑन पब्लिक सेक्टर एंड पब्लिक सर्विस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर नौकरशाहों और सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस या किसी अन्य राजनीतिक रूप से संबद्ध संगठन से जुड़ने पर फिर से प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय के प्रतीक चिह्न और ‘लेडी जस्टिस’ की प्रतिमा में किए गए बदलाव के ख़िलाफ़ एक प्रस्ताव भी पारित किया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं करने वाले सरकारी सहायता प्राप्त मदरसों को बंद करने की सिफारिश की थी, जिसके ख़िलाफ़ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने शीर्ष अदालत का रुख़ किया था.
सुप्रीम कोर्ट संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्षता' और 'समाजवादी' शब्दों को शामिल करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुन रहा है. सुनवाई में एक टिप्पणी करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता को हमेशा संविधान की मूल संरचना का हिस्सा माना गया है.
चुनाव के दौरान ‘फ्रीबीज़’ के वादे के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में मांग की गई है कि निर्वाचन आयोग को चुनाव पूर्व अवधि के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ़्त सौगात का वादा करने से रोकने के लिए प्रभावी क़दम उठाने का निर्देश दिया जाए.